
Indian Military History in NCERT. केंद्रीय सरकार ने गुरुवार को 2024–25 शैक्षणिक वर्ष के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में तीन भारतीय युद्ध नायकों के नए अध्याय शामिल करने की घोषणा की है। यह नायक हैं फील्ड मार्शल सम मनेक्सॉ, ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान, और मेजर सुमनाथ शर्मा।
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के अनुसार, ये अध्याय कक्षा VIII (अंग्रेज़ी), कक्षा VIII (उर्दू), और कक्षा VII (उर्दू) में क्रमशः शामिल किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को “साहस और कर्तव्य की प्रेरणादायक कहानियों” से परिचित कराना है।
फील्ड मार्शल सम मनेक्सॉ
भारत के पहले फील्ड मार्शल सम मनेक्सॉ, जिन्हें प्यार से “सम बहादुर” कहा जाता है, भारतीय सेना के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने विश्व युद्ध II, 1947–48 का भारत-पाक युद्ध, 1962 का Sino-Indian युद्ध, तथा 1965 और 1971 के Indo-Pak युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1971 के युद्ध में उनकी रणनीतिक नेतृत्व ने भारत को विजय दिलाई और बांग्लादेश के निर्माण में योगदान दिया। उनका जीवन साहस, बुद्धिमत्ता और रणनीति का प्रतीक है।
ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान
“नौशेरा के शेर” के नाम से प्रसिद्ध ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ने 1947–48 के भारत-पाक युद्ध में जम्मू-कश्मीर के झांगार और नौशेरा के पुनः कब्जे में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने विभाजन के बाद पाकिस्तान जाने से इनकार कर भारतीय सेना में सेवा जारी रखी। 3 जुलाई 1948 को युद्ध में शहीद हुए उस्मान को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनके राज्याभिषेक में लॉर्ड माउंटबेटन और जवाहरलाल नेहरू सहित कई प्रमुख नेता शामिल हुए थे।
मेजर सुमनाथ शर्मा
मेजर सुमनाथ शर्मा भारत के पहले परम वीर चक्र विजेता थे। वे 25 वर्ष की आयु में 1947–48 के युद्ध के दौरान श्रीनगर हवाई अड्डे के निकट पाकिस्तानी घुसपैठियों से लड़ते हुए शहीद हुए। 3 नवंबर 1947 को बडगाम की लड़ाई में उनके वीरतम योगदान ने कश्मीर घाटी को भारत के लिए सुरक्षित किया। उन्होंने विश्व युद्ध II में बर्मा में भी अपनी बहादुरी दिखाई थी।
इस निर्णय से छात्रों को देशभक्ति और सैन्य इतिहास की गहरी समझ मिलेगी, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।









