
Telecom Equipment Certification Fee. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 7 अगस्त को टेलिकॉम उपकरण प्रमाणन शुल्क में 95% तक की भारी कटौती की घोषणा की है। यह कदम घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और व्यवसाय करने में आसानी बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकार के डिजिटल इंडिया के आत्मनिर्भर ढांचे को सशक्त बनाने के व्यापक प्रयासों के तहत यह महत्वपूर्ण फैसला सामने आया है।
सिंधिया ने अपने X पर पोस्ट में कहा टेलिकॉम परीक्षण हुआ सस्ता, 50 से अधिक श्रेणियों में प्रमाणन शुल्क में 95% तक की कटौती… इससे अनुपालन में तेजी आएगी, Ease of Doing Business को बढ़ावा मिलेगा, और आत्मनिर्भर #DigitalIndia के लिए विश्वास मजबूत होगा।
इस नई नीति से वाई-फाई, 5जी उपकरण, राउटर, सैटेलाइट संचार प्रणाली, स्मार्ट मीटर और ऑप्टिकल फाइबर केबल सहित कई टेलिकॉम उपकरणों के निर्माता और आयातक लाभान्वित होंगे। यह न केवल नए खिलाड़ियों के लिए प्रवेश बाधाएं कम करेगी, बल्कि मौजूदा कंपनियों को भारत में अपने संचालन का विस्तार करने के लिए भी प्रेरित करेगी।
उद्योग विशेषज्ञों ने इस कदम का स्वागत किया है और इसे समय पर और अत्यंत आवश्यक राहत बताया है, जो देश भर में 5G और उन्नत कनेक्टिविटी समाधानों के तेजी से लागू होने में मदद कर सकता है।
भारत को नए आर्थिक तनावों का सामना
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से भारत की तेल खरीदारी को लेकर भारतीय वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाए हैं। अगले तीन हफ्तों में लागू होने वाले अतिरिक्त 25% टैरिफ के साथ, कई उत्पादों पर कुल 50% का शुल्क लग जाएगा।
भारत के निर्यातक, विशेषकर टेलिकॉम और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में, इन परिवर्तनों को बारीकी से देख रहे हैं। कुछ कंपनियां चीन के सप्लाई चेन में गेप भरने के अवसर को देख रही हैं, जबकि अन्य चेतावनी दे रही हैं कि ये टैरिफ मौजूदा अनुबंधों और मुनाफे को प्रभावित कर सकते हैं।









