
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अगस्त को द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (UER-II) का उद्घाटन किया। इन प्रोजेक्ट्स की लागत 11,000 करोड़ रुपये है और इन्हें दिल्ली का “तीसरा रिंग रोड” कहा जा रहा है।
शहर और NCR में ट्रैफिक समस्या का समाधान
- द्वारका एक्सप्रेसवे: द्वारका को गुरुग्राम और IGI एयरपोर्ट से जोड़ता है, ताकि दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर भीड़ कम हो।
- UER-II: 75 किमी लंबी सड़क, दिल्ली के उत्तर, पश्चिम और दक्षिणी हिस्सों को जोड़ते हुए बहादुरगढ़, सोनीपत और हरियाणा के औद्योगिक हब्स से कनेक्ट करेगी।
- इन परियोजनाओं से कनेक्टिविटी बढ़ी, समय और प्रदूषण कम हुआ, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विकास में नई दिशा मिली।
मोदी सरकार की 2014 से इन्फ्रास्ट्रक्चर रणनीति
- 2014 में दिल्ली की स्थिति में सुधार के लिए योजना तैयार की गई।
- अब तक 48,000 करोड़ रुपये का कार्य पूरा किया गया।
- राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर की लंबाई 93 किमी से बढ़कर 2,474 किमी हुई।
- प्रमुख परियोजनाओं में शामिल:
- Dwarka Expressway – 9,000 करोड़
- UER-II – 8,000 करोड़
- Eastern Peripheral Expressway – 12,000 करोड़
- Delhi-Meerut Expressway – 8,000 करोड़
दिल्ली मॉडल का व्यापक प्रभाव
नई संसद, केंद्रीय सचिवालय, कर्तव्य पथ और कन्वेंशन सेंटर राजधानी के समग्र विकास का संकेत।
- हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लोग भी इन परियोजनाओं से लाभान्वित होंगे।
- पूरे भारत में डिकॉन्जेशन और रिंग रोड प्रोजेक्ट्स से शहरों में ट्रैफिक जाम कम किया जा रहा है।
- अन्य बड़े प्रोजेक्ट्स: मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, समृद्धि महामार्ग, Jewar अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा।









