यूक्रेन बॉर्डर पर फसे भारतीयों को वापस लाने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, SC ने कहा – क्या हम पुतिन को जारी करें निर्देश ?

याचिकाकर्ता ने कहा कि माईनस 3 डिग्री के तापमान में 200 से ज़्यादा छात्र वहां फसे हुए हैं उनमें से ज्यादातर लड़कियां है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा हमें छात्रों के लिए बुरा लगता है, लेकिन क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकते हैं?

यूक्रेन में फसे भारतीयों को वापस लाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। यूक्रेन के बॉर्डर पर फसे कश्मीरी छात्रों समेत अन्य को वापस लाने की मांग को लेकर कश्मीरी वकील ए एम डार ने मुख्य न्यायाधीश की बेंच के सामने मेंशनिंग किया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आप तत्काल अटॉर्नी जनरल से संपर्क करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा सरकार वहां फसे छात्रों को निकालने के लिए तत्काल कदम उठाये।

अटर्नी जनरल ने कहा मामले में सरकार काम कर रही है, प्रधानमंत्री मोदी खुद मामले को देख रहे हैं। पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन से बात किया है साथ ही पड़ोसी देशों से भी बात किया है। अटॉर्नी जनरल से कोर्ट ने पूछा कि रोमानिया, मालडोवा में 200 से ज्यादा छात्र फंसे हैं? याचिकाकर्ता ने कहा सरकार हंगरी से छात्रों को वापस ला रही है और यह छात्र रोमेनिया और मालडोवा में फसे हुए हैं, वहां पर छात्रों ने अभी बॉर्डर नहीं पार किया है।

अटर्नी जनरल ने कहा कि भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्रियों को वहां फसे छात्रों को निकालने के लिए भेजा है। रोमेनिया में केंद्रीय मंत्री मौजूद है। यह बहुत अचंभित करने वाली बात है क्योंकि यूक्रेन की सरकार ने वहां पर छात्रों को बॉर्डर क्रॉस करने की इजाजत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा सरकार वहां फसे छात्रों को निकालने के लिए तत्काल कदम उठाये। मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता से कहा कि क्या हम जंग को रोकने का आदेश दे सकते हैं? मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि फसे छात्रों के लिए सरकार काम कर रही है। सुप्रीम कोर्ट अब मामले में अटॉर्नी जनरल से बात करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अटर्नी जनरल को कोर्ट में तलब किया।

मुख्य न्यायाधीश ने सोशल मीडिया पर चल रही बातों को लेकर नाराज़गी जताई। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है मुख्य न्यायाधीश कुछ नहीं कर रहे है, क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को निर्देश जारी करें। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने नाराज़गी जताते हुए कहा हम इस मामले में क्या कर सकते हैं? कल को आप कहेंगे कि पुतिन को निर्देश जारी करिये। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से विदेश मंत्रालय को वहां फंसे लोगों को राहत मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग किया। याचिकाकर्ता ने कहा कि माईनस 3 डिग्री के तापमान में 200 से ज़्यादा छात्र वहां फसे हुए हैं उनमें से ज्यादातर लड़कियां है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा हमें छात्रों के लिए बुरा लगता है, लेकिन क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकते हैं?

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