
India Japan investment. भारत और जापान ने शुक्रवार को अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा के बीच हुई शिखर वार्ता के बाद भारत में अगले 10 वर्षों के लिए जापान से 10 ट्रिलियन येन निवेश का लक्ष्य तय किया गया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-जापान सहयोग वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इसे साझेदारी के “नए और सुनहरे अध्याय” की नींव बताते हुए कहा कि निवेश, नवाचार और आर्थिक सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में 10 वर्षीय रोडमैप तैयार किया गया है।
अर्थव्यवस्था और निवेश में नया आयाम
मोदी ने बताया कि जापानी निवेश से भारत के विभिन्न उद्योगों, खनिज संसाधनों और तकनीकी क्षेत्रों में नई संभावनाएँ खुलेंगी। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि व्यापार और प्रौद्योगिकी में भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत बनाएगी।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग में मजबूती
दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योग और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग को और मज़बूत करने का भी निर्णय लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद और साइबर सुरक्षा पर भारत और जापान की समान चिंताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि समुद्री सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के साझा हित हैं।
वैश्विक दृष्टिकोण और हिंद-प्रशांत रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और जापान एक स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इस साझेदारी को आपसी विश्वास और साझा मूल्यों का परिणाम बताया और कहा एक बेहतर दुनिया के निर्माण में मजबूत लोकतंत्र स्वाभाविक साझेदार होते हैं।









