GST 2.0: 22 सितंबर से लागू, त्योहारों के मौसम में बड़ा बदलाव

इस वर्गीकरण से आवश्यकताओं और सुविधाओं की मांग बढ़ने की उम्मीद है। उदाहरण के लिए, 5 लाख रुपये की entry-level कार पर 50,000 रुपये की बचत होगी।

GST 2.0 22 सितंबर से लागू होने जा रहा है, जो समय के लिहाज से बेहद उपयुक्त है। यह अवधि भारतीय households के लिए त्योहारों का मौसम है, जब लोग आमतौर पर उपभोक्ता वस्तुएं खरीदते हैं और घर बुक करते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर यह घोषणा की गई थी कि सितंबर में GST की rationalised दरें घोषित होंगी, जिसके बाद households ने खरीदारी रोक रखी थी।

उपभोक्ता और व्यापार पर प्रभाव

GST दरों में कमी के कारण FMCG उत्पादों की कीमतों में तुरंत गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे मांग बढ़ेगी। इससे households के पास अन्य वस्तुओं पर खर्च करने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे। साथ ही, कम दरों के कारण exporters को लागत में राहत मिलेगी और tariff disadvantage को कम करने में मदद मिलेगी।

खपत के अवसर और राजस्व प्रभाव

सरकार ने कुल राजस्व हानि 48,000 करोड़ रुपये बताई है, जो विश्लेषकों की अपेक्षा कम है। GST council ने वस्तुओं को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है:

  • आवश्यकताएं: 5% या छूट
  • सुविधाएँ/consumer goods: 18%
  • लक्जरी और sin goods: 40%

इस वर्गीकरण से आवश्यकताओं और सुविधाओं की मांग बढ़ने की उम्मीद है। उदाहरण के लिए, 5 लाख रुपये की entry-level कार पर 50,000 रुपये की बचत होगी।

सरकारी वित्तीय संतुलन और आर्थिक दृष्टिकोण

48,000 करोड़ रुपये की राजस्व हानि बजट में समायोजित की जा सकती है। अन्य राजस्व स्रोतों की मजबूती और RBI के अतिरिक्त transfer के कारण fiscal deficit 4.4% पर बनाए रखा जा सकता है। households के बढ़ते खर्च से Centre और राज्य दोनों के लिए GST राजस्व की दूसरी श्रृंखला उत्पन्न होगी।

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