
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में पर्यटन और उपभोक्ताओं की खर्च क्षमता बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। अब 7500 रुपये तक के होटल कमरों पर जीएसटी 12% (आईटीसी के साथ) से घटाकर सिर्फ 5% (बिना आईटीसी) कर दिया गया है। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होगा।
इस फैसले से सीधे तौर पर होटल कमरों की कीमतें सस्ती होंगी, जिससे पर्यटन और घरेलू यात्राओं को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार न केवल यात्रियों को राहत देगा बल्कि होटल उद्योग को भी लाभ पहुंचाएगा। मेकमायट्रिप के को-फाउंडर और ग्रुप सीईओ राजेश मागो ने कहा, “यह कदम घरेलू पर्यटन की मांग को मजबूती देगा और यात्रियों के लिए स्टे को किफायती बनाएगा।”
EaseMyTrip के सीईओ और को-फाउंडर रिकांत पिट्टी ने इसे भारतीय ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर के लिए परिवर्तनकारी बताया। उनके अनुसार, 7500 रुपये तक के होटल कमरों पर जीएसटी घटाकर 5% करना न केवल पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा बल्कि बजट और मिड-सेगमेंट होटलों की ऑक्युपेंसी भी बढ़ाएगा। वहीं, 1000 रुपये से कम कीमत वाले होटल कमरों पर जीएसटी पहले की तरह शून्य रहेगा और 7500 रुपये से अधिक कीमत वाले प्रीमियम होटलों पर 18% जीएसटी लागू होगा।
बैठक में ‘स्पेसिफाइड प्रिमाइसेस’ की परिभाषा को भी स्पष्ट किया गया ताकि कोई स्टैंडअलोन रेस्तरां खुद को इस श्रेणी में दिखाकर 18% जीएसटी (आईटीसी के साथ) का विकल्प न चुन सके।
यात्रियों के लिए राहत सिर्फ होटलों तक सीमित नहीं है। अब इकोनॉमी क्लास हवाई टिकटों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जबकि बिजनेस क्लास टिकटों पर टैक्स 18% से घटाकर 12% कर दिया गया है। इससे हवाई यात्रा की लागत कम होगी और यात्रियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
यह कदम पर्यटन, होटल और एविएशन सेक्टर को एक बड़ा प्रोत्साहन देने वाला साबित होगा और भारतीय अर्थव्यवस्था में उपभोग को बढ़ावा देगा।









