
जुलाई और अगस्त की मानसूनी बारिश के बाद उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन सितंबर की शुरुआत में तेज धूप और उमस ने लोगों का मौसम बदल दिया। पिछले दो-तीन दिनों से राज्य के कई हिस्सों में मौसम का उतार-चढ़ाव जारी है।
सोमवार को पश्चिमी और तराई जिलों के साथ लखनऊ में भी कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ हल्की बरसात हुई। मौसम विभाग ने अगले दिनों के लिए चेतावनी जारी की है। मंगलवार और बुधवार को मध्यम और पूर्वी यूपी के 15 से अधिक जिलों में मध्यम से भारी बारिश का अलर्ट है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, अगले दो दिन बाराबंकी, लखीमपुर, हरदोई, सीतापुर, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर समेत कुल 22 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। इसके अलावा, राज्य के दक्षिणी जिलों जैसे सोनभद्र, चंदौली और वाराणसी में भी हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने राज्य के लगभग 40 जिलों में तेज हवा और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। 11 सितंबर से मानसूनी ट्रफ रेखा फिर उत्तर की ओर खिसकेगी, जिससे तराई जिलों में इसका अधिक असर दिख सकता है।
हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि अगले चार-पांच दिन अत्यधिक बरसात के आसार कम हैं, लेकिन गरज-चमक और तेज हवा के कारण सतर्क रहने की आवश्यकता है। लोगों को अपने घरों और वाहनों की सुरक्षा पर ध्यान देने, खेतों में कार्य करते समय सतर्क रहने और बिजली गिरने जैसी घटनाओं से बचने की सलाह दी गई है।
राज्य के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस अस्थिर मौसम के दौरान किसानों, स्कूलों और स्थानीय प्रशासन को पूर्वानुमान पर आधारित तैयारी करनी चाहिए ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से नुकसान कम किया जा सके।









