
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने घोषणा की है कि राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पुनर्वास और सफाई अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।
2300 गांवों में सफाई अभियान शुरू
CM मान ने बताया कि 2300 प्रभावित गांवों और वार्डों में सफाई के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। इनके पास जेसीबी मशीनें, ट्रैक्टर-ट्रॉली और श्रमिक उपलब्ध कराए गए हैं। टीमें गांवों से कीचड़, मलबा और गंदगी हटाएंगी।

बीमारियों से बचाव के लिए फॉगिंग और मेडिकल कैंप
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के दौरान कई जानवरों की मौत हुई है, इसलिए इनका उचित निपटारा किया जाएगा। सभी गांवों में फॉगिंग और सैनिटाइजेशन कराया जाएगा ताकि बीमारियाँ न फैलें।
सरकार 2303 प्रभावित गांवों में मेडिकल कैंप लगाएगी। इनमें डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ और दवाइयाँ उपलब्ध रहेंगी। इस काम के लिए 550 एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की गई है।

पशुपालन को राहत: 30 सितंबर तक टीकाकरण
CM मान ने बताया कि लगभग 2.5 लाख पशु बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सरकार ने सभी गांवों में पशु चिकित्सक टीमें तैनात की हैं। बीमारियों से बचाव के लिए सभी प्रभावित जानवरों का 30 सितंबर तक टीकाकरण पूरा कर लिया जाएगा। किसानों को पोटाशियम परमैंगनेट उपलब्ध कराया जाएगा ताकि चारा और पानी को कीटाणु-मुक्त किया जा सके।
तय समय-सीमा में पूरा होगा काम
- 24 सितंबर तक: सभी गांवों को कीचड़ और मलबे से मुक्त कर दिया जाएगा।
- 15 अक्टूबर तक: सार्वजनिक स्थानों की मरम्मत का काम पूरा होगा।
- 22 अक्टूबर तक: तालाबों की सफाई का काम भी समाप्त कर लिया जाएगा।
धान खरीद को लेकर तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 सितंबर से धान की खरीद शुरू हो रही है। बाढ़ प्रभावित मंडियों की सफाई और मरम्मत तेजी से की जा रही है और 19 सितंबर तक ये मंडियां भी तैयार हो जाएंगी।

भाजपा पर सीएम मान का हमला
CM मान ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि मुश्किल समय में पंजाब की मदद न करके भाजपा का “पंजाब विरोधी चेहरा” उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता केंद्र सरकार द्वारा दिए गए फंड्स की सही जानकारी देने से बच रहे हैं।
मान ने बताया कि 2010 से अब तक एसडीआरएफ कोष में 5012 करोड़ रुपये आए, जिनमें से 3820 करोड़ राहत कार्यों पर खर्च हुए हैं।
“पंजाब को फिर से रंगला पंजाब बनाएंगे”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं, बल्कि एकजुट होकर पंजाब को फिर से खड़ा करने का है। उन्होंने NGOs, युवा क्लबों और सामाजिक संगठनों से इस अभियान में सहयोग की अपील की और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।









