भारत की स्वच्छ और सतत मोबिलिटी की ओर कदम

इलेक्ट्रिक वाहनों में पहले ही प्रगति हो चुकी है और अब फ्लेक्स-फ्यूल और हाइड्रोजन-पावर्ड वाहनों पर काम किया जा रहा है। ये वाहन हमारी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करेंगे और क्रूड आयात को कम करेंगे।

विशेषज्ञों और उद्योग नेताओं ने 6वें अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन और प्रदर्शनी में कहा कि भारत की यात्रा स्वच्छ और सतत मोबिलिटी की ओर लगातार बढ़ रही है। इस पर वैकल्पिक ईंधन, नवीकरणीय ऊर्जा और क्रूड आयात पर निर्भरता कम करने पर विशेष जोर है।

ऑटोमोबाइल उद्योग की पहल

हुंडई मोटर इंडिया के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट पुणीत आनंद ने ANI को बताया, “ऑटो उद्योग नई तकनीकों के परिचय में अग्रणी रहा है। CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों में पहले ही प्रगति हो चुकी है और अब फ्लेक्स-फ्यूल और हाइड्रोजन-पावर्ड वाहनों पर काम किया जा रहा है। ये वाहन हमारी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करेंगे और क्रूड आयात को कम करेंगे।”

भारी वाहनों के लिए क्लीन मोबिलिटी

त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज के वाइस चेयरमैन तरुण साहनी ने कहा, “हमने ट्रकों के लिए LNG और भारी वाहनों के लिए क्लीन ट्रांसपोर्टेशन के विकल्पों पर चर्चा की। ट्रक चार गुना दूरी तय कर सकेंगे बिना रिचार्ज किए। इसके अलावा, एथेनॉल ब्लेंडिंग भी महत्वपूर्ण कदम है, और ई100 या ईथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल अब देशभर में उपलब्ध होगा।”

नवीकरणीय ऊर्जा और नीति समर्थन

BluPine Energy के CEO नीरव नानावटी ने कहा, “नवीकरणीय ऊर्जा में भारत की प्रगति दीर्घकालिक लक्ष्यों का अहम हिस्सा है। इसमें ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन और जनरेशन सभी क्षेत्रों को समेटा गया है ताकि प्रधानमंत्री के विजन – विकसित भारत 2047 और आत्मनिर्भर भारत – को प्राप्त किया जा सके।”
उन्होंने नीति समर्थन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में काफी काम किया है, लेकिन हमें विशेष क्षेत्रों में अतिरिक्त समर्थन चाहिए, जैसे ट्रांसमिशन एक्सेस, वितरण नियम, और स्थिर नीति ढांचा।”

Related Articles

Back to top button