अडानी समूह द्वारा आयोजित ‘आई कैन’ स्कूल चैलेंज प्रतियोगिता में जमना बाई नारसी विद्यालय को मिला पहला स्थान

जमना बाई नरसी विद्यालय, अडानी समूह द्वारा आयोजित जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर नवोन्मेषी विचारों और सुझावों के लिए एक स्कूल स्तर की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहले स्थान के साथ अव्वल रहा जिसके लिए विद्यालय को अडानी समूह की ओर से1 .5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशी दी गई।

1971 में स्थापित जमना बाई नारसी स्कूल, मुंबई के सबसे पुराने स्कूल में से एक है। जमना बाई नरसी विद्यालय, अडानी समूह द्वारा आयोजित जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई पर नवोन्मेषी विचारों और सुझावों के लिए एक स्कूल स्तर की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहले स्थान के साथ अव्वल रहा। ‘क्लीनर फ्यूचर’ की थीम पर आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के पहले संस्करण को जीतने के लिए देश भर के लगभग 240 स्कूलों द्वारा 50 अलग-अलग क्षेत्रों से कुल 748 आइडिया पेश किए गए थे।

वहीं पवार पब्लिक स्कूल, भांडुप और अंजुमन-ए-इस्लाम मुस्तफा फकीह उर्दू हाई स्कूल इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहा। इन विद्यालयों को यूनाइटेड नेशन चैंपियंस ऑफ अर्थ अवार्डी एडवोकेट आफतोज शाह, मिशन ग्रीन मुंबई के संस्थापक और वाटर हीरो 2019 के अवार्डी सुभाजीत मुखर्जी एवं अडानी ग्रुप के हेड ऑफ सस्टेनेबिलिटी एंड क्लाइमेट चेंज प्रो. अरुण शर्मा के एक प्रख्यात पैनल ने जज किया।

अडानी ग्रुप के हेड सस्टेनेबिलिटी एंड क्लाइमेट चेंज, प्रो. अरुण शर्मा ने कहा, “भविष्य में वैश्विक जलवायु संकट के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई लड़ी जाएगी।” “आज के बच्चे वह पीढ़ी होंगे जो उन लड़ाइयों का नेतृत्व करेंगे और लड़ेंगे। हमें ‘आई कैन’ स्कूल चैलेंज जैसी राष्ट्रीय पहलों का नेतृत्व करने की खुशी है। हमें विश्वास है कि इस तरह की प्रतियोगिताएं हमारे युवाओं को इस बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित करेंगी कि वे अपना और देश का भविष्य कैसे सुरक्षित कर सकते हैं?”उन्होंने आगे कहा, “हमने आज के बहुत से युवा नेताओं को देखा है।

जूरी सदस्य एडवोकेट अफरोज शाह ने कहा कि हर व्यक्ति कुछ ना कुछ ऐसे करता है जिससे राष्ट्र निर्माण में मदद हो। जूरी सदस्य सुभाजीत मुखर्जी ने कहा, “इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाला प्रत्येक बच्चा विजेता है। उन्होंने यहां जो शानदार नवाचार प्रस्तुत किए, वे इस बात का प्रमाण हैं कि भारत में युवा इको-चैंपियनों की बहुतायत है। आईकैन स्कूल चैलेंज जैसी पहल हमारे देश को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को दर्शाती है कि हमारी अगली पीढ़ी जलवायु परिवर्तन शमन पर केंद्रित रहे।

जमनाबाई नरसी स्कूल को 1.5 लाख रुपये का शीर्ष पुरस्कार दिया गया। वहीं पवार पब्लिक स्कूल, भांडुप और अंजुमन-ए-इस्लाम, मुस्तफा फकीह उर्दू हाई स्कूल ने दूसरे और तीसरे स्थान के लिए क्रमशः 1 लाख और 50,000 रुपये जीते। इन्होनें अपशिष्ट गर्मी दोहन और इसका उद्देश्यपूर्ण उपयोग करने के लिए एक LED TEG बनाने के लिए प्रस्तावित समाधान और भविष्य के लिए ‘जीरो वेस्ट शू’ को व्यवस्थित रूप से प्लास्टिक और ई-कचरे की मात्रा को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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