
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को लगातार खाद संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि धान की फसल के बाद अब गेहूं और अन्य फसलों की बोआई के लिए भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है। डीएपी और एनपीके जैसे प्रमुख उर्वरक के लिए भी किसान भटक रहे हैं।
किसानों के लंबी लाइनें
अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे लखीमपुर खीरी, महोबा, फतेहपुर, बदायूं और अमेठी में किसानों को सहकारी समितियों पर लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं, लेकिन खाद संकट में कोई सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि खाद की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी जारी है और इस गोरखधंधे में भाजपा के लोग शामिल हैं।
किसानों की समस्याओं का समाधान
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार साजिश के तहत किसानों को खेती और उनकी जमीनों से दूर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर महोबा और लखीमपुर का नाम लिया, जहां किसानों ने सहकारी समितियों पर खाद के लिए आकर लंबी प्रतीक्षा की, लेकिन केवल कुछ ही किसानों को खाद उपलब्ध हो पाई।
अखिलेश ने यह भी कहा कि 2027 में भाजपा सत्ता से हटेगी और तभी किसानों की समस्याओं का समाधान होगा। उनकी पार्टी किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाती रहेगी।









