Bihar Election: छोटे दलों का बढ़ता प्रभाव, बिहार की राजनीति में क्या होगा बदलाव?

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कई छोटे दलों ने बड़े दावे किए हैं, जिनमें जनसुराज पार्टी, बसपा और आम आदमी पार्टी शामिल हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कई छोटे दलों ने बड़े दावे किए हैं, जिनमें जनसुराज पार्टी, बसपा और आम आदमी पार्टी शामिल हैं। इन दलों ने 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया, जिनमें जनसुराज पार्टी 239 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है, जबकि बसपा सभी 243 और आप 83 सीटों पर चुनावी मैदान में हैं।

इस चुनाव में जहां एनडीए के प्रमुख घटक दल जदयू और भाजपा ने 101-101 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, वहीं जनसुराज और बसपा की संख्या इन बड़े दलों से अधिक है। खास बात यह है कि बसपा और आप के पास स्टार प्रचारकों की कमी दिखाई दे रही है, जबकि जनसुराज पार्टी ने प्रशांत किशोर को अपने स्टार प्रचारक के रूप में मैदान में उतार रखा है।

बसपा की ऐतिहासिक उपस्थिति
बसपा के लिए बिहार में चुनावी मैदान नई बात नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में चैनपुर से बसपा के एक उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी, हालांकि बाद में वह जदयू में शामिल हो गए थे। बसपा 1990 से लगातार बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रही है, और 2005 के चुनाव में उसके दो उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी।

चुनाव प्रचार में चुनौती
हालांकि, छोटे दलों के पास संसाधनों की कमी हो सकती है, लेकिन इनकी चुनावी रणनीति भी बड़ी दलों के लिए चुनौती बन सकती है। बड़े दलों ने चुनाव जीतने के लिए अपने शीर्ष नेताओं को स्टार प्रचारक के रूप में मैदान में उतारा है, जबकि छोटे दलों को इस मोर्चे पर संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है।

Related Articles

Back to top button