एनडीए की नजरें मिथिलांचल की 20 सीटों पर, 2020 का समीकरण फिर से दोहराने की उम्मीद!

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में वोटिंग हो रही है, और इस बार मिथिलांचल क्षेत्र पर खास नजरें हैं। बिहार में कुल 243 सीटें हैं, और जादुई आंकड़ा 122 का है।

Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में वोटिंग हो रही है, और इस बार मिथिलांचल क्षेत्र पर खास नजरें हैं। बिहार में कुल 243 सीटें हैं, और जादुई आंकड़ा 122 का है। ऐसे में अगर कोई पार्टी 20 सीटों पर अच्छा प्रदर्शन कर ले तो उसका सत्ता में आना लगभग तय माना जाता है। मिथिलांचल के दो जिलों, मधुबनी और दरभंगा, में कुल 20 सीटें हैं, जिनकी अहमियत इस बार और बढ़ गई है।

2020 का समीकरण NDA का दावा

पिछली बार इन दो जिलों में एनडीए को 17 सीटें मिली थीं, जबकि महागठबंधन को सिर्फ 3 सीटें ही मिल पाई थीं। अब एनडीए फिर से 2020 का कारनामा दोहराना चाहती है और लक्ष्य तय किया है यहां से 15 सीटें जीतने की। इन दोनों जिलों में एकजुट सीटें मिल रही हैं, जिससे केंद्र और राज्य सरकार लगातार नई घोषणाएं कर रही हैं। इनमें सबसे बड़ी घोषणा मखाना बोर्ड की है, जो मिथिला क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र पूरे देश को मखाना सप्लाई करता है।

स्थानीय समीकरणों पर जोर उम्मीदवारों की रणनीति

अलीनगर सीट पर मैथिली ठाकुर के सामने आरजेडी ने ब्राह्मण उम्मीदवार विनोद मिश्रा को उतारा है। वहीं, जाले सीट से कांग्रेस ने ऋषि मिश्रा को टिकट दिया है। इस बार आरजेडी और कांग्रेस की खास रणनीति यह है कि स्थानीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार उतारे जाएं। यह क्षेत्र ब्राह्मण मतदाताओं के लिए जाना जाता है, इसलिए दोनों दलों ने इस सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवारों को मौका दिया है। पिछली बार इस सीट से मुस्लिम उम्मीदवार मसकूर उस्मानी को मौका मिला था।

मिथिलांचल की अहम सीटें और भविष्य की रणनीतियाँ

मिथिलांचल की यह सीटें चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं, और स्थानीय समीकरण के तहत प्रत्याशियों का चयन यह साबित करता है कि कैसे पार्टियां चुनावी जीत के लिए हर पहलू पर विचार करती हैं। इस क्षेत्र का चुनाव परिणाम यह तय कर सकता है कि बिहार की अगली सरकार किसके हाथों में होगी।

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