अखिलेश यादव का बड़ा बयान, कांग्रेस पार्टी का साथ नहीं छोड़ेंगे, बीजेपी से नहीं डरते!

कर्नाटक में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों के बावजूद कांग्रेस पार्टी से अपनी सहानुभूति जताई और बीजेपी पर कड़ा हमला बोला। अखिलेश यादव ने कर्नाटक में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस एक मित्रवत पार्टी है और वह हमेशा उनके सहयोगी के रूप में रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि "मैं नाता जुड़ने के बाद उसे निभाना जानता हूं" और "बीजेपी या केंद्र सरकार से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।"

कर्नाटक में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों के बावजूद कांग्रेस पार्टी से अपनी सहानुभूति जताई और बीजेपी पर कड़ा हमला बोला। अखिलेश यादव ने कर्नाटक में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस एक मित्रवत पार्टी है और वह हमेशा उनके सहयोगी के रूप में रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि “मैं नाता जुड़ने के बाद उसे निभाना जानता हूं” और “बीजेपी या केंद्र सरकार से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।”

अखिलेश यादव ने बीजेपी को ललकारते हुए कहा, “मैं एक कांग्रेस नेता के घर के ठीक सामने खड़ा हूं, बीजेपी जो चाहे कह सकती है, मुझे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मुश्किल समय में अपने दोस्त का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए। हमारा सिद्धांत है कि दोस्त जब कमजोर हो, उसका साथ नहीं छोड़ते।”

बिहार चुनाव परिणाम पर बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि राजनीति में हार-जीत होती रहती है। उन्होंने महागठबंधन की हार को लेकर टिप्पणी करने से फिलहाल इनकार किया, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सही समय आने पर वह गठबंधन में सुधार के लिए सुझाव जरूर देंगे। अखिलेश ने यह भी विश्वास जताया कि कर्नाटक सरकार पूरी तरह से स्थिर है।

बिहार चुनाव परिणाम पर अखिलेश का बयान:

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को शानदार सफलता मिली, जहां बीजेपी ने 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरते हुए शानदार प्रदर्शन किया। जेडीयू ने भी 85 सीटों के साथ अच्छा प्रदर्शन किया और दूसरे स्थान पर रही। वहीं महागठबंधन इस चुनाव में बहुत पीछे रह गया, आरजेडी ने 25 सीटें, कांग्रेस ने सिर्फ 6 सीटें जीती, और वीआईपी ने शून्य सीटें हासिल की। इस प्रकार महागठबंधन केवल 31 सीटों पर सिमट गया, जबकि एनडीए ने 202 सीटों का अजेय स्कोर हासिल किया।

अखिलेश यादव का यह बयान यह साफ दर्शाता है कि वह विपक्षी एकता को बनाए रखने के पक्ष में हैं और कांग्रेस के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं, चाहे चुनावी परिणाम कुछ भी हों।

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