
मथुरा : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 10 दिन लंबी सनातन एकता पदयात्रा आज मथुरा के वृंदावन पहुंचकर समाप्त हो गई। यात्रा के अंतिम दिन ब्रज भूमि में प्रवेश करते हुए पंडित शास्त्री और अन्य संतों ने दंडवत होकर ब्रज रज को माथे पर लगाया। इस दौरान सभी संतों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी और यह भावुक क्षण था जब धीरेंद्र शास्त्री की आंखों में खुशी के आंसू थे।
मथुरा: बाबा बागेश्वर की हिंदू एकता पदयात्रा
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) November 16, 2025
➡हिन्दू एकका पदयात्रा का वृंदावन में समापन
➡पं.धीरेंद्र शास्त्री ने ब्रज धरा को प्रणाम किया
➡संतों ने ब्रज रज को अपने मथे पर लगाया
➡जय श्री राधे-जय श्री कृष्ण के जयकारे लगाए
➡धीरेंद्र शास्त्री यात्रा में भीड़ देख भावुक हो गए… pic.twitter.com/jj6tZddG1C
पदयात्रा के साथ चल रहे संतों में बद्रीनाथ वाले महाराज बालक योगेश्वर दास और अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास भी काफी भावुक हुए। वृंदावन में पहुंचे भक्तों ने ‘जय श्री राधे-जय श्री कृष्ण’ के जयकारे लगाए। इस यात्रा में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्हें ऐसे कई भक्त मिले जिन्होंने अपनी व्यक्तिगत परेशानियों और कठिनाइयों के बावजूद यात्रा में भाग लिया। उन्होंने एक भक्त का उदाहरण दिया, जिसका बालक वेंटिलेटर पर था, फिर भी वह यात्रा में शामिल हुआ। इस घटना ने उन्हें गहरे भावनात्मक रूप से प्रभावित किया।
मथुरा में यात्रा का समापन हुआ, जहां 55 किलोमीटर लंबी यात्रा पूरी हुई और एक विशाल सनातन सभा का आयोजन हुआ। सभा में श्री जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज, देवकीनंदन जी और ब्रज के सभी साधु-संतों ने भाग लिया। इस अवसर पर गायक बी प्राक, जुबिन नौटियाल और स्वाति मिश्रा ने भी भजन प्रस्तुत किए। साथ ही, काशी से आए ब्राह्मणों ने आरती की।
धीरेंद्र शास्त्री ने इस यात्रा को एक ऐतिहासिक पल बताया और कहा कि यह यात्रा हनुमान जी की कृपा से संभव हो पाई। उन्होंने मथुरा पहुंचने पर ब्रजवासियों को दंडवत प्रणाम किया और मंच से कई संतों को गले लगाया। इस दौरान कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने मजाक करते हुए कहा कि धीरेंद्र शास्त्री की शादी नहीं हुई है, लेकिन उनके विवाह के चर्चे काफी सुर्खियों में हैं।









