Saudi Arabia में उमराह के दौरान अगर हादसे में हो गई मृत्यु, परिवार को कितना मिलेगा बीमा का पैसा ?

चलिए अब ये बता दें कि जब देश से कोई भी व्यक्ति जब उमराह के लिए जाता है तो वहां की सरकार की ओर से क्या मदद मिलती हैेे...

सऊदी अरब के मदीना में मक्का से मदीना जा रही बस और एक टैंकर के बीच भयंकर टक्कर हो गई। इस हादसे में 42 भारतीयों की मौत हुई है। सभी यात्री उमराह करने सऊदी अरब गए थे और इनमें से अधिकांश तेलंगाना से थे। बस में सवार सभी उमराह यात्री जिंदा जल गए।

चलिए अब ये बता दें कि जब देश से कोई भी व्यक्ति जब उमराह के लिए जाता है तो वहां की सरकार की ओर से क्या मदद मिलती हैेे…बता दें कि देश के कोई भी मुस्लिम सऊदी अरब उमराह के लिए जाते हैं तो वहां की सरकार उनका बीमा कराती है, ऐसे में जानने वाली बात यह है कि आखिर मौत के बाद परिवार वालों को कितने रुपये मिलेंगे.

मुस्लिम तीर्थयात्रियों के लिए सऊदी अरब में उमराह पर जाने के दौरान सुरक्षा का एक खास इंतजाम होता है। हर उमराह वीजा के साथ सऊदी सरकार द्वारा अनिवार्य बीमा स्वचालित रूप से प्रदान किया जाता है। यह बीमा तीर्थयात्रियों को किसी भी आपात स्थिति, दुर्घटना या गंभीर बीमारी की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा देता है।

वीजा के साथ मिलता है बीमा
उमराह वीजा मिलने के साथ ही यह बीमा स्वतः सक्रिय हो जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मक्का और मदीना में पहुंचने वाले हर तीर्थयात्री को तुरंत और पर्याप्त सुरक्षा मिले।

बीमा की राशि और अवधि
यह बीमा तीर्थयात्रियों के सऊदी अरब पहुंचते ही शुरू हो जाता है और पूरे 30 दिनों तक वैध रहता है। इसमें अस्पताल में भर्ती, आकस्मिक आपात स्थितियां और दुर्घटनाओं का खर्च कवर होता है। बीमा की अधिकतम राशि SR 100,000 (लगभग 22 लाख रुपये) है, ताकि किसी भी स्थिति में तीर्थयात्री या उसके परिवार को आर्थिक मुश्किल का सामना न करना पड़े।

मृत्यु होने पर परिवार को मिलेगा SR 100,000
अगर उमराह के दौरान किसी तीर्थयात्री की मृत्यु हो जाती है, तो बीमा पॉलिसी के तहत उसके परिवार को SR 100,000 का भुगतान किया जाता है। सऊदी कानून के अनुसार, हज-उमराह में मरने वाले तीर्थयात्रियों का अंतिम संस्कार आमतौर पर वहीं किया जाता है। भुगतान सीधे बीमा कंपनी, जैसे तवुनिया, के माध्यम से परिवार को दिया जाता है।

भारत सरकार की मदद भी उपलब्ध
इसके अलावा, भारतीय नागरिकों के लिए भारत सरकार भी मदद प्रदान करती है। विदेश में काम या यात्रा के दौरान मृत्यु होने पर विदेशी कामगारों के कल्याणकारी योजनाओं के तहत 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया जाता है। इसमें मृतक का पार्थिव शरीर भारत वापस लाने का खर्च भी शामिल होता है, जो परिवार के लिए बड़ी आर्थिक राहत साबित होता है।

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