
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इन दिनों प्रतिबंधित कप सिरफ का अवैध काला कारोबारी शुभम जायसवाल कई प्रदेशों में चर्चा में बना हुआ है। प्रतिबंधित कप सिरफ का सिंडिकेट चलाने वाले शुभम जायसवाल की लाइफ साउथ की फिल्म पुष्पा से काफी हद तक मिलती जुलती है। अवैध कारोबार से कम समय में अर्जित करोड़ो रूपए से लक्जरी लाइफ और नेताओं का करीबी बना शुभम जायसवाल अपने काले धंधे के पैसों से सफेदपोश बनने की चाहत रखता था। यही वजह है कि विगत कुछ महीनों में शहर के सभी चौराहों पर शुभकामनाओं वाली हजारों होर्डिंग देखने को मिलने लगी। वही शुभम जायसवाल की लग्जरी लाइफ और भौकाल विगत कुछ महीनों में ऐसा रहा, कि वाराणसी के बड़े नेता भी उसके भौकाल को देख हैरान रहते। शुभम जब घर से निकलता तो लग्जरी गाड़ियों का काफिला देख लोग रस्ता दे देते मानो जैसे कोई विधायक और मंत्री जा रहा हो। प्रतिबंधित कप सिरफ मामले में शुभम जायवाल के ऊपर हुए मुकदमे के बाद अब परत दर परत उसके काले धंधे का चिट्ठा खुलता जा रहा है।

चार सालों में बना सैकड़ों करोड़ रुपए का मालिक, झारखंड में खोल रखा था दवा का फर्म…
प्रतिबंधित कप सिरफ का काले कारोबार के सिंडिकेट का सरगना शुभम जायसवाल को बेहद करीब से जानने वाले लोग बताते है कि हरिचन्द्र कॉलेज से पढ़ाई करने वाला शुभम एक साधारण परिवार से था। कोरोना महामारी के समय के बाद शुभम की लाइफ बदल सी गई। कॉलेज के दिनों में अपने दोस्तों के मोटर साईकिल पर घूमने वाले शुभम के पास अचानक से कई लग्जरी कार आ गई और शहर के कई नामी स्थानों पर अपनी प्रॉपर्टी बनाई। महज चार सालों में शुभम जायसवाल सैकड़ों करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी का मालिक बन बैठा। प्रतिबंधित कप सिरफ प्रकरण की जांच में शैली ट्रेडर्स का नाम सामने आया जो झारखंड में स्थित है, जिसके मालिक शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला प्रसाद जायसवाल है। सूत्रों के अनुसार इसी शैली ट्रेडर्स से शुभम ने 4 साल तक नशे में प्रयुक्त होने वाली प्रतिबंधित कप सिरफ का कारोबार शुरू कर अपना सिंडिकेट उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, मध्यप्रदेश, झारखंड और बिहार सहित बंगलादेश तक फैला दिया।

SIT जांच में खुलेगा काले कारोबार और सरगना के साथियों का कला चिट्ठा, शहर छोड़कर फरार हुआ शुभम जायसवाल
गाजियाबाद के बाद वाराणसी के कोतवाली थाने में प्रतिबंधित कप सिरफ की खरीद -बिक्री मामले में दर्ज हुए मुकदमे के बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने इसकी जांच के लिए SIT गठित किया है। वाराणसी कमिश्नरेट काशी जोन के एडीसीपी सरवण टी. की अध्यक्षता में यह टीम प्रतिबंधित कप सिरफ प्रकरण की जांच करेगी। इसके साथ ही काले कारोबार से अर्जित की गई शुभम जायसवाल के संपत्ति की भी जांच की जाएगी।

वाराणसी पुलिस कमिश्नर के द्वारा मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित किए जाने के बाद दवा कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। वाराणसी के सैकड़ों दवा कारोबारी शुभम जायसवाल के संपर्क में थे और जिन दवा कारोबारियों और फर्म की जानकारी पुलिस को मिली उनकी भी कुंडली खंगालने में टीम जुट गई है।









