
Gorakhpur : गोरखपुर के कैंपियरगंज क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां बड़े बेटे ने अपनी मां शोभा देवी के शव को लेने से इनकार कर दिया। वृद्धाश्रम में 20 नवंबर को शोभा देवी की मौत हो गई थी, लेकिन बेटे ने कहा कि घर में शादी है और लाश के आने से अपशगुन होगा। उसने शव को चार दिन के लिए फ्रिजर में रखने की बात की और दाह संस्कार शादी के बाद करने का सुझाव दिया।
भुआल गुप्ता और उनकी पत्नी शोभा देवी को एक साल पहले उनके बेटे ने घर से निकाल दिया था। इसके बाद दंपति जौनपुर के वृद्धाश्रम में रह रहे थे। शोभा देवी के इलाज के बाद उनकी तबियत बिगड़ी और अंततः उनकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए पिता को तड़पते हुए अपने बेटे से मदद की उम्मीद थी, लेकिन बेटे ने शव लेने से साफ इनकार कर दिया।
गांववालों और रिश्तेदारों ने भुआल गुप्ता को समझाया और अंततः शोभा देवी का अंतिम संस्कार गोरखपुर के कैंपियरगंज में किया गया। यह मामला परिवारिक रिश्तों के टूटने और मानवीय संवेदनाओं के विफल होने की मिसाल बना है।
भुआल गुप्ता ने अपनी पत्नी के साथ बिताए गए समय को याद करते हुए कहा, “हमारे बेटे हमें अकेला छोड़ गए, आज मेरी पत्नी का हिंदू रीति रिवाज से दाह संस्कार भी नहीं हो पाया।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी को विधिपूर्वक जलाया नहीं गया और इसे लेकर वे अंदर से टूट चुके हैं। यह घटना गोरखपुर में परिवार के भीतर टूटते रिश्तों और संवेदनहीनता का प्रतीक बनकर सामने आई है।









