
इथिययोपिया में 10 हजार साल शांत पड़ी ज्वालामुखी विस्फोट हो गई है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद जो राख और धुए का गुबार 14 किलोमीटर ऊंचाई तक ऊठ रहा है। यह राख और धुए का गुबार लाल सागर को पार करके पहले यमन और ओमान पहुंचा और फिर भारत में प्रवेश किया। मंगलवार को दिल्लीं एनसीआर में दिखाई दिया ।
मौसम विभाग इस पर नजर बनाया हुआ है और इस संबंध में समय-समय पर जरूरी गाइडलाईन दे रहा है। इस राख के बादल भारत के कई राज्यों में देखा गया है जिसमें गुजरात राजस्थान, दिल्ली-NCR,महाराष्ट्र,पंजाब,और हरियाणा के आसमानों से गुजरते देखा गया है। उत्तर प्रदेश के तराई वाले क्षेत्रों से होते हुए हिमालय की ओर बढ़ रहा है ।
राख का गुबार 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। सोमवार की रात करीब 11 बजे तक दिल्ली में प्रवेश हो चुका था। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस राख वाले गुबार में सल्फर डाइऑक्साइड और बारीक चट्टान के कण भी है।
मौसम विभाग के डायेरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने जानकारी दिये है कि यह ज्वालामुखी की राख का बादल चीन के तरफ बढ़ रहा है। इसका भारतीय समय सारणी के अनुसार शाम 7:30 बजे तक भारत से निकलने की उम्मीद जताई जा रही है।
इसकी वजह से अकासा एयर ने 24-25 नवम्बर को जेद्दा,कुवैत और अबू धाबी आने-जाने वाली सभी फ्लाइटों पर तत्काल रोक लगा दीं गई है। AIR इडिया और IndiGO की भी कई फ्लाइट रद्द हुई है।DGCI ने इस संबंध में एयरलाइंस के लिए गाइडलाइंन जारी किया है।









