
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में कोडीन फास्फेट युक्त प्रतिबंधित कप मामले में जौनपुर के पूर्व सांसद के करीबी अमित टाटा की गिरफ्तारी के बाद ड्रग विभाग भी अपनी जांच तेज कर दी है। ड्रग विभाग ने पहले प्रतिबंधित कप सिरप के सरगना शुभम जायसवाल के साथ कुल 28 फर्मों पर वाराणसी के कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज करवाया, तो वहीं अब एक बार फिर जांच के बाद संदिग्ध 12 नए फर्मों के खिलाफ ड्रग विभाग ने कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज करवाया है। ड्रग विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह सभी 12 फर्मों की जांच करने पहुंची टीम को फर्म या तो बंद मिले या फिर उक्त पते पर कोई अन्य दुकानें मिली। ऐसे में दवा फर्म के संचालकों को नोटिस देकर उन्हें स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन 12 दवा फर्म के मालिकों ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया। ऐसे में इन सभी 12 फर्मों के खिलाफ ड्रग विभाग के द्वारा कोतवाली पुलिस थाने की पुलिस को पूर्व में दर्ज मुकदमे में इन सभी फर्मों के मालिकों के नाम शामिल किए जाने के लिए तहरीर दी गई है। इन 12 फर्मों के मालिकों में कई ऐसे नाम सामने आए है, जो शुभम जायसवाल के करीबी और रिश्तेदार बताए जा रहे है। वही इन सब में एक नाम प्रशांत उपाध्याय का भी सामने आया है, जिसके ऊपर भी प्रतिबंधित कप सिरप की खरीद बिक्री का आरोप पहले से लगते आ रहे है।

वाराणसी में एक ही मुकदमे में 38 फर्मों के खिलाफ केस दर्ज होने से दवा कारोबारियों में हड़कंप…
वाराणसी में प्रतिबंधित कप सिरप सिंडिकेट से जुड़े 38 फर्मों पर मुकदमा दर्ज होने से दवा कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। वही दूसरी ओर इस मामले में गठित एसआईटी (SIT) की टीम भी सप्तसागर दवा मंडी सहित दवाओं के दुकानों पर जांच कर साक्ष्य जुटाने में जुटी हुई है। वाराणसी के ड्रग इंस्पेक्ट जुनाब अली ने बताया कि कोतवाली थाने में जिन नए फर्मों के ऊपर मुकदमे की कार्रवाई की गई उन फर्मों के नाम पर कोडीन युक्त कप सिरप की बिलिंग शुभम जायसवाल के झारखंड स्थित शैली ट्रेडर्स फर्म से की गई थी। बड़ी मात्रा में कप सिरप की बिलिंग मामले को लेकर जांच में यह सभी 12 फार्म बंद पाए गए थे। ड्रग इंस्पेक्टर ने आशंका व्यक्त किया कि जांच के दौरान बंद मिले फर्मों ने लाइसेंस लेकर सिर्फ कप सिरप बेचे है। यदि यह जांच के दौरान खुले मिलते तो अन्य दवाओं की बिक्री वहां से होती है या नहीं इसकी भी जानकारी मिलती।

सरगना शुभम जायसवाल करता था कप सिरप में बड़ा खेल, फर्मों की बिलिंग के बाद मालिकों को पहुंचता था हिस्सा !
प्रतिबंधित कप सिरप का किंगपिन शुभम जायसवाल शैली ट्रेडर्स फर्म से बड़ा खेल करता था। ड्रग विभाग की अब तक की जांच में सामने आया कि शुभम जायसवाल के सिंडिकेट से जुड़े जितने भी फर्म है, वहां कप सिरप नहीं पहुंच केवल शैली ट्रेडर्स फर्म से उनके नाम पर बिलिंग किया गया। ड्रग इंस्पेकर के भी दावा किया कि जांच के दौरान जिन दवा फर्मों के नाम पर बिलिंग किया गया वहां से कप सिरप बरामद नहीं हुआ, लेकिन उनके नाम पर भारी मात्रा में कप सिरप लिए जाने को लेकर बिलिंग किया गया। ऐसे में आशंका जताई जा रही है, कि बिलिंग के बाद उस कप सिरप को नशे के लिए प्रयोग में लाए जाने को लेकर अवैध रूप से बिक्री कर दिया गया और उसके मुनाफे का एक हिस्सा उन फर्म मालिकों को मिला जिन फार्म के नाम पर बिलिंग किया जाता रहा। लखनऊ में गिरफ्तार हुए शुभम जायसवाल के गॉर्ड फादर के नाम से मशहूर अमित सिंह उर्फ अमित टाटा ने भी STF के सामने कप सिरप को यूपी समेत बिहार, झारखंड, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों में कप सिरप भेजे जाने की बात स्वीकारा है। हालांकि इस पूरे मामले का मुख्य सरगना शुभम जायसवाल दुबई फरार हो चुका है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम जुटी हुई है।









