
दुनिया भर में एयरबस A320 परिवार के विमानों को अचानक बड़े पैमाने पर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपग्रेड के लिए ग्राउंड किया जा रहा है। यह कदम एक गंभीर तकनीकी खामी के कारण उठाया गया है, जो विमान की सुरक्षा को सीधे प्रभावित करता है। हाल ही में एक एयरबस A320 उड़ान में इस खामी के कारण हुई घटना ने एविएशन सेक्टर में चिंता पैदा कर दी है।
क्या हुआ एयरबस A320 में?
कैनकन से न्यूयॉर्क जा रही एक निजी एयरलाइन की A320 उड़ान में अचानक विमान हजारों फीट की ऊंचाई पर नीचे की ओर झुक गया। पायलट ने ऐसा कोई कमांड नहीं दिया था, लेकिन विमान में तेज झटका लगा और यात्री सीटों से उछल पड़े, जिससे कई लोग घायल हो गए। उड़ान को आपात स्थिति में टैम्पा डायवर्ट किया गया। जांच में पाया गया कि यह खराबी ELAC फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर के स्विचिंग के दौरान हुई, जिसने गलत पिच डेटा पढ़ लिया।
EASA ने जारी किया अलर्ट
यूरोपीय एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने 28 नवंबर को एक आपातकालीन एयरवर्थीनेस डायरेक्टिव जारी किया, जिसमें पुराने ELAC कंप्यूटर (मॉडल B L104) को हटाने और नए, सुरक्षित मॉडल (B L103+) से बदलने का आदेश दिया गया। जिन विमानों में पुराना सिस्टम है, उन्हें उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी, और केवल सीमित ‘फेरी फ्लाइट’ की इजाजत दी जाएगी।
भारत में भी बड़ा असर
भारत में भी इसका बड़ा असर पड़ा है, क्योंकि यहां A320 विमानों का सबसे बड़ा ऑपरेटर इंडिगो है। इसके लगभग 200 विमान और एयर इंडिया के 100–125 विमान फिलहाल अपग्रेड और जांच प्रक्रिया के कारण ग्राउंड या सीमित ऑपरेशन में हैं। एयर इंडिया ने यात्रियों को चेतावनी दी है कि इससे उड़ानों में देरी और शेड्यूल प्रभावित हो सकता है।
क्यों है यह खामी खतरनाक?
Airbus A320 को दुनिया के सबसे सुरक्षित विमानों में गिना जाता है, लेकिन इस घटना ने इसके सबसे महत्वपूर्ण हिस्से ELAC कंप्यूटर की संवेदनशीलता को उजागर किया है। Airbus और EASA की जांच में पाया गया कि सोलर रेडिएशन के कारण ELAC कंप्यूटर की चिप में ‘बिट-फ्लिप’ (डेटा करप्शन) हो गया था, जिसके कारण विमान के ऑटोपायलट मोड में रहते हुए भी विमान नीचे की ओर झुकने लगा।
विमानों की सर्विसिंग प्रक्रिया
दुनिया भर में लगभग 6,000 Airbus A320 विमानों को इस अपग्रेड प्रक्रिया से गुजरना होगा। नए A320neo में 30 मिनट का सॉफ्टवेयर अपडेट किया जाएगा, जबकि पुराने विमानों में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों बदलने में 2 से 3 दिन लग सकते हैं।
यह तकनीकी खामी विमान सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ा मुद्दा बन गई है, और एयरलाइंस के संचालन पर इसका गहरा असर पड़ा है।








