
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में महिला पीड़िताओं के बयान लेने के तरीके में एक अहम बदलाव किया गया है। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद, अब महिला पीड़िता का बयान केवल महिला पुलिसकर्मी ही लेंगी। डीजीपी ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है, जिसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि साक्षियों के बयान पर अब कोई हस्ताक्षर नहीं लिए जाएंगे।
लखनऊ- हाईकोर्ट के निर्देश के बाद DGP ने जारी किया आदेश महिला पीड़िताओं का बयान महिला पुलिसकर्मी लेंगी महिला पीड़िता का बयान उसके घर लिए जाएंगे महिला पीड़िता के इच्छित स्थान पर बयान होंगे बयान दर्ज करने की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। #Lucknow #DGPOrder | @dgpup pic.twitter.com/7q8AORVhcn
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) December 1, 2025
इस आदेश के तहत, महिला पीड़िता का बयान उसके घर या उसके द्वारा इच्छित स्थान पर लिया जाएगा, ताकि उसे कोई मानसिक या शारीरिक कष्ट न हो। इसके अलावा, बयान की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है, ताकि मामले में पारदर्शिता बनी रहे और किसी प्रकार की धोखाधड़ी न हो।
महिला पीड़िता से बयान लेते समय भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की सभी धाराओं का पालन करना जरूरी होगा। इस आदेश का मुख्य उद्देश्य महिला पीड़िताओं को सुरक्षा और सम्मान प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी डर के अपना बयान दर्ज करा सकें और न्याय प्राप्त कर सकें।
यह कदम महिला अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा और पुलिस प्रक्रिया में और अधिक संवेदनशीलता लाएगा।








