
लखनऊ। 29 नवंबर को देशभर में लाखों शादियां हुईं. भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी हज़ारों विवाह समारोह हुए. लेकिन, संगम की धरती प्रयागराज में एक वैवाहिक कार्यक्रम ऐसा हुआ, जिसकी चर्चा जनता की गलियों से लेकर सियासी गलियारों तक हो रही है. इस ख़ास शादी के किस्से लोगों की ज़ुबां पर हैं और समारोह से जुड़े कई वीडियो वायरल हैं. ये शादी इसलिए चर्चा में नहीं है कि समारोह भव्य था. इसलिए भी नहीं कि यहां कई VIP और राजनीतिक हस्तियां पहुंचीं. और इसलिए भी नहीं कि ये विवाह रामायण थीम पर संपन्न हुआ. बल्कि चर्चा इसलिए हो रही है कि कहीं ये शादी किसी बड़े सियासी आग़ाज़ का बिगुल तो नहीं? क्या इस शादी के ज़रिये बाहुबली करवरिया परिवार ने अपना जनबल साबित करते हुए अगली पीढ़ी की ‘ट्रिपल धमाके’ वाली राजनीतिक आधारशिला रख दी है?


25 हज़ार के जनसमूह से शादी बनी ‘वैवाहिक रैली’!
छोटी से लेकर बड़ी शादियों तक में आमतौर पर 100 से लेकर 10 हज़ार लोग तक शामिल होते हैं. राजनेताओं और बड़े अधिकारियों की शादियों में अक्सर हज़ारों लोग शिरकत करते हैं. लेकिन, कुछ शादियों में आम से लेकर ख़ास तक जब सुबह से लेकर देर रात तक आते और जाते रहें, तो बात ग़ौर करने वाली होती है. प्रयागराज के बाहुबली परिवार करवरिया बंधुओं के घर 25 नवंबर से 29 नवंबर तक 30 हज़ार से ज़्यादा लोगों के आने की बात कही गई है. 25 हज़ार लोग तो शादी वाले दिन यानी 29 नवंबर को ही शामिल हुए. BSP के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता कपिल मुनि करवरिया की छोटी बेटी मीनाक्षी करवरिया की शादी 29 नवंबर को हुई. अंबेडकर नगर के प्रतिष्ठित त्रिपाठी परिवार में डॉ. सिद्धांत त्रिपाठी के साथ कपिल मुनि करवरिया की बेटी मीनाक्षी का विवाह संपन्न हुआ.

इस समारोह में यूपी, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से भी मेहमान शामिल हुए. यूपी की बात करें तो प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, उन्नाव, कानपुर, लखनऊ, हमीरपुर, सुल्तानपुर, मऊ, वाराणसी समेत कई ज़िलों से राजनीतिक और आम लोग सम्मिलित हुए. बाहुबली नेता और BJP के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया इस समारोह के मुख्य आयोजनकर्ता थे. उनके मुताबिक शादी समारोह में आने वाले मेहमानों के लिए भोजन की व्यवस्था दोपहर 2 बजे से ही शुरू कर दी गई थी. भोजन करने वालों की संख्या रात दो बजे तक यानी 12 घंटे तक लगातार बनी रही. कुल मेहमानों की उपस्थिति 25 हज़ार बताई गई है. अगर इस आंकड़े को सही माना जाए तो ये संख्या किसी राजनीतिक रैली जैसी है.

ब्राह्मण क्षत्रपों के जमावड़े के क्या मायने?
प्रयागराज के करवरिया परिवार में ये शादी समारोह ब्राह्मण क्षत्रपों की एकजुटता का भी ज़रिया बना. कार्यक्रम में राज्य सूचना आयुक्त पदुम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर के बाहुबली और दिवंगत हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी, पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी, पूर्व मंत्री सुनील भराला, ऊंचाहार के दबंग विधायक मनोज पांडेय, बांदा के विधायक प्रकाश द्विवेदी, विधायक अविनाश चंद्र द्विवेदी, विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी, पूर्व सांसद भैरव प्रसाद मिश्रा, पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, यूपी BJP युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रांशुदत्त द्विवेदी, पूर्व विधायक आनंद कुमार उर्फ कलेक्टर पांडेय, पूर्व विधायक आनंद शुक्ला समेत कई ब्राह्मण नेता शादी समारोह में जुटे. इन,के अलावा BJP और अन्य दलों के भी नेता विवाह में शामिल हुए. लेकिन, सबसे ज़्यादा चर्चा इसी बात की हो रही है कि क्या वैवाहिक समारोह के बहाने ब्राह्मण नेताओं की एकजुटता के ज़रिये कोई ख़ास राजनीतिक संकेत दिया गया है? शादी समारोह के दौरान करवरिया बंधुओं के समर्थकों ने जोश में कई बार नारेबाज़ी भी की. इससे पहले 16 सितंबर 2025 को मेजा विधानसभा सीट से पूर्व BJP विधायक नीलम उदयभान करवरिया की पहली पुण्यतिथि पर भी हज़ारों लोग जुटे थे.
“ख़त्म नहीं, बल्कि हम यहां से शुरू हुए हैं”
1996 में सपा विधायक जवाहर यादव हत्याकांड में सज़ा माफ़ी के बाद 2024 में रिहा हुए पूर्व BJP विधायक और बाहुबली नेता उदयभानन करवरिया ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मीडिया से कहा- “जो लोग समझ रहे थे कि करवरिया परिवार की राजनीतिक और सामाजिक ताक़त ख़त्म हो चुकी है, वो पुराने प्रयागराज में हमारे कल्याणी आवास में जनसमूह को देख रहे होंगे. जो लोग समझते थे कि हम ख़त्म हो गए हैं, वो इस जनबल को देखकर ये समझ लें कि हम यहां से फिर शुरू हुए हैं. क्योंकि, पिछले दस साल से जारी एक अनचाहा खालीपन पिछले कुछ महीनों की मेहनत से ख़त्म हो चुका है. अब हम और हमारा पूरा परिवार एक बार फिर जनता के बीच हर समय मौजूद है.” उदयभान करवरिया के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. लोगों के बीच चर्चा है कि क्या करवरिया परिवार 2027 के चुनाव में कोई बड़ी गोलबंदी में जुटा है? क्या करवरिया कुटुम्ब प्रयागराज समेत ब्राह्मण बहुल सीटों पर कोई नए सियासी समीकरण बिठाने की तैयारी कर रहा है?
“हमारे लिए हमारा कार्यकर्ता ही VIP है”
पूर्व BSP सांसद कपिल मुनि करवरिया की बेटी मीनाक्षी की शादी में 29 नवंबर को हज़ारों लोग शामिल हुए. लेकिन, जब VIP लोगों को लेकर सवाल पूछा गया तो कपिल मुनि, उदयभान और सूरजभान करवरिया तीनों भाइयों का कहना था कि उनके लिए शादी समारोह में आया हुआ हर मेहमान VIP ही था. उदयभान करवरिया ने कहा कि हमारे लिए तो हमारा आम कार्यकर्ता और हमारे लिए हमेशा उपस्थित रहने वाला समर्थक ही VIP है. प्रयागराज में गंगापार की भीड़ बड़ी संख्या में करवरिया परिवार के कार्यक्रमों में शामिल रहती है. इस बार भी ऐसा ही हुआ. गंगापार के लोग अलग-अलग वाहनों में कपिल मुनि करवरिया की बेटी की शादी में पहुंचे.
करवरिया परिवार में लंबे अंतराल के बाद हुए शादी समारोह में एक ख़ास मंज़र देखा गया. आमतौर पर वैवाहिक कार्यक्रमों में लोगों को VIP मेहमानों का इंतज़ार रहता है. लेकिन, कल्याणी आवास पर तो करवरिया भाइयों के साथ ही तस्वीर खिंचवाने के लिए होड़ मची थी. कपिल मुनि, उदयभान और सूरजभान के समर्थक उनके पास आते, सेल्फी लेते, तस्वीरें खिंचवाते, शुभकामनाएं देते और मुस्कुराते हुए आगे बढ़ जाते. ये सिलसिला कई घंटे तक जारी रहा. सैकड़ों लोग करवरिया बंधुओं से आशीर्वाद लेते हुए भी दिखे.
कपिल मुनि की अचानक बढ़ी पैरोल, सूरजभान की जेल वापसी
बसपा के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता कपिल मुनि करवरिया को बेटी मीनाक्षी के वैवाहिक समारोह के लिए 30 दिनों की पैरोल मिली थी. लेकिन, बेटी की विदाई के बाद अचानक ख़बर आई कि कपिल मुनि करवरिया की पैरोल एक महीने के लिए बढ़ा दी गई है. वो प्रयागराज के दबंग नेता हैं. फूलपुर संसदीय सीट से 2009 में सांसद चुने जाने वाले कपिल मुनि करवरिया 2000 में पहली बार कौशाम्बी यानी अपने मूल निवास वाले जनपद के ज़िला पंचायत अध्यक्ष बने थे. उसके बाद सांसद बने और फिर 2014 में वो फूलपुर सीट से चुनाव हार गए. इसके बाद जवाहर यादव हत्याकांड में कानूनी लड़ाई लड़ते हुए 2019 में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई. हालांकि, अब भी क्षेत्र में उनका दबदबा है. वो जब भी पैरोल पर जेल से रिहा होते हैं, तो उनके पास सैकड़ों लोग हर रोज़ मुलाक़ात करने आते हैं. उनके साथ सेल्फी लेने और रील्स बनवाने को लेकर युवाओं में भी क्रेज़ दिखता है. बेटी के शादी समारोह के दौरान भी वो हर रोज़ सैकड़ों लोगों के साथ बैठकी करते देखे गए. फिलहाल वो शादी समारोह संपन्न करवा चुके हैं. अब अगले एक महीने तक राजनीतिक और सामाजिक रूप से उनकी सक्रियता बढ़ेगी. अचानक बढ़ी पैरोल के पीछे की ख़ास वजह सामने नहीं आ सकी है.
कपिल मुनि और उदयभान करवरिया के सबसे छोटे भाई सूरजभान करवरिया की जेल वापसी हो चुकी है. उन्हें भी भतीजी मीनाक्षी करवरिया की शादी में शामिल होने के लिए 28 नवंबर को 3 दिनों की पैरोल मिली थी. 2007 में BSP के MLC बने सूरजभान करवरिया 1 दिसंबर 2025 को प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल वापस पहुंच गए. जवाहर यादव हत्याकांड में वो भी उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे हैं. लेकिन, भतीजी मीनाक्षी करवरिया की शादी में उनके आसपास भी समर्थकों की भीड़ हर समय मौजूद रही.
करवरिया परिवार की युवा पीढ़ी करेगी ‘ट्रिपल धमाका’!
प्रयागराज के बाहुबली और दबंग परिवारों में शुमार करवरिया कुनबे में अब युवा पीढ़ी आगे आती दिख रही है. कपिल मुनि करवरिया के बेटे वैभव करवरिया, उदयभान करवरिया के बेटे सक्षम करवरिया और सूरजभान करवरिया के बेटे गौरव करवरिया सार्वजनिक रूप से सक्रिय हो चुके हैं. राजनेताओं वाली बॉडी लैंग्वेज करवरिया परिवार की युवा पीढ़ी में दिखने लगी है. लोगों के साथ मिलना, उनका अभिवादन करना और फिर समर्थकों की भीड़ का नेतृत्व करने वाली सियासी कला के संकेत साफ दिख रहे हैं.
करवरिया भाइयों के बेटे वैभव, सक्षम और गौरव अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों और सियासी हस्तियों के साथ शिष्टाचार मुलाक़ात करते देखे गए हैं. इसके अलावा पारिवारिक और सामाजिक आयोजनों में भी करवरिया परिवार की युवा पीढ़ी ख़ुद को तराशती हुई दिखती है. 2027 के चुनाव में कपिल मुनि, उदयभान और सूरजभान की अगली पीढ़ी संभवत: कोई नई राजनीतिक तस्वीर को आकार देती हुई दिख सकती है. करवरिया परिवार के तीनों भाइयों के पास जनबल की ताक़त और ब्राह्मण क्षत्रप होने का रुतबा है. इसलिए, उनकी युवा पीढ़ी का राजनीतिक रसूख वाली दिशा में बढ़ना लाज़मी माना जा रहा है. क्योंकि, साल 2000 से 2012 तक कपिल मुनि, उदयभान और सूरजभान की तिकड़ी ने राजनीतिक दमखम दिखाया था. ठीक उसी तरह अब तीनों के बेटे परिवार के ‘वैभव’ को ‘सक्षम’ अंदाज़ में सियासी ‘गौरव’ वापस दिलाने की कोशिश करते हुए नज़र आ सकते हैं. बस देखना ये है कि प्रयागराज में बाहुबली करवरिया परिवार की जनबल की धारा 2027 के चुनाव में किस दिशा में बहेगी.









