
रायबरेली में कोडीनयुक्त कफ सिरप के काले कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। एक साल पहले उन्नाव जिले में बंद मेडिकल स्टोरों को लाखों रूपये के कफ सिरप बेचने का मामला सामने आया है। यह कफ सिरप फर्जी तरीके से बंद दुकानों के नाम फर्जी बिल काटकर बांग्लादेश तक तस्करी की गई है। ड्रग इंस्पेक्टर ने अजय फॉर्मा के संचालक दिवाकर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। कफ सिरप की साढे़ तीन लाख शीशी बेचने वाला लालगंज स्थित मेडिसिन संचालक फरार है।
लखनऊ में जानकारी मिलने के बाद अक्तूबर माह में ही मेडिकल एजेंसी को सील कर दिया गया था, अन्य जिलों में भी सिरप के दुरुपयोग की पुष्टि हो गई है। सिरप के सप्लायर ने लाखों शीशी से अधिक कफ सिरप की बिक्री की है।
वहीं अब रायबरेली में कोडीनयुक्त सिरप का काला कारोबार थम नहीं रहा है।देर शाम शहर के बेलीगंज में ड्रग इंस्पेक्टर शीवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा छापा मारा गया था।जिसमें 247 शीशी कोडीनयुक्त सिरप डीबी केमिकल्स के नाम से संचालित दुकानों से बरामद किया है। ड्रग इंस्पेक्टर ने दवा से संबंधित दस्तावेज तलब किए हैं। सिरप के बारे में भी पूरी रिपोर्ट जमा की गई है।कफ सिरप के दुरूप्रयोग को देखते हुए सिरप की बिक्री के आदेशों पर रोक लगा दी है। ड्रग इंस्पेक्टर ने एजेंसी के संचालक से खरीद और बिक्री का पूरा ब्योरा मांगा है।









