
“इंडिगो–DGCA ने क्या मिलकर सिस्टम को क्रैश कर दिया?” इंडिगो की धुन पर नाचता है DGCA। नए नियम लागू होने के पहले 10% नए रूट्स इंडिगो को अलॉट किए गए थे। वो भी बिना एक्शन प्लान के। अब वेबसाइट से डाटा गायब।
> देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो और उसे रेग्युलेट करने वाला DGCA अब कटघरे में हैं।
नवंबर से पायलटों के लिए सख़्त साप्ताहिक आराम नियम लागू होने थे, लेकिन ठीक उसी समय DGCA ने विंटर शेड्यूल 2025 में इंडिगो को *13,691 से बढ़ाकर 15,014 साप्ताहिक उड़ानों की मंज़ूरी दे दी – यानी 1,323 अतिरिक्त फ्लाइटें हर हफ़्ते।*
अब जब हज़ारों यात्री फंसे हैं और एक हफ़्ते से ज़्यादा समय से देश भर में अफरा-तफरी है, बड़ा सवाल उठ रहा है – क्या ये सिर्फ़ इंडिगो की प्लानिंग फ़ेलियर है या रेग्युलेटर–एयरलाइन की “कंफर्टेबल केमिस्ट्री” ने सुरक्षा नियमों को कुचल दिया?
🔎 1. फ़ैक्ट–शीट: क्या हुआ, कब हुआ?
WS25 (Winter Schedule 2025): 26 अक्टूबर से 28 मार्च तक के लिए फाइनल, कुल 26,495 साप्ताहिक उड़ानें; इसमें इंडिगो टॉप पर – 15,014 उड़ानें प्रति हफ़्ता, जो पिछले विंटर से क़रीब 9.7% ज़्यादा हैं।
इसी दौरान DGCA ने नए FDTL रूल्स (पायलट थकान रोकने के लिए) फेज-2 में लागू किए
साप्ताहिक आराम 36 से बढ़ाकर 48 घंटे
हफ़्ते में नाइट-लैंडिंग लिमिट, उड़ान ड्यूटी की कड़े लिमिट्स आदि।
1 नवंबर से ये नियम लागू हुए, पर इंडिगो ने पर्याप्त पायलट और क्रू नहीं बढ़ाए, नतीजा – दिसंबर की शुरुआत से रोज़ सैकड़ों फ्लाइट कैंसल, पाँच दिन में 1,000 से ज़्यादा फ्लाइट रोज़ रद्द होने लगीं।
हालात बेकाबू होने पर सरकार ने इन्हीं सुरक्षा नियमों में इंडिगो के लिए एक्सेम्प्शन दे दी, वीकली रेस्ट और नाइट रूल्स अस्थायी रूप से ढीले कर दिए – जिस पर पायलट बॉडी ने DGCA पर “सेलेक्टिव डिस्पेन्सेशन” का आरोप लगाया।
DGCA को पहले से पता था कि 1 नवंबर से रेस्ट टाइम बढ़ रहा है और पायलट कम पड़ेंगे, फिर भी इंडिगो को 1,323 अतिरिक्त साप्ताहिक उड़ानों की मंज़ूरी दी गई।
मंज़ूरी देते समय नियम ये है कि एयरलाइन को *क्रू, एयरक्राफ्ट, ग्राउंड स्टाफ, मेंटेनेंस, पार्किंग इत्यादि का पूरा कंप्लायंस दिखाना होता है।*
अगर आज इंडिगो कह रहा है कि “क्रू नहीं है, रूल सख़्त हैं इसलिए फ्लाइट नहीं उड़ा पा रहे”, तो सवाल सीधा DGCA पर जाता है –जब स्टाफ इनेफिशिएंट था तो इतनी अतिरिक्त फ्लाइट कैसे पास हो गईं?
“डेटा गायब, जवाब गायब”
24 अक्टूबर के सरकारी प्रेस नोट और अख़बारों में WS25 के आंकड़े साफ लिखे हैं, लेकिन DGCA की वेबसाइट पर डिटेल फ्लाइट-वाइज डेटा अब नहीं दिख रहा, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
“सबसे बड़ा सवाल”
जब DGCA को पहले से मालूम था कि पायलटों का साप्ताहिक रेस्ट 48 घंटे होने वाला है, और एयरलाइनें नए रूट माँग रही थीं, DGCA तब भी इंडिगो की धुन पर नाच रहा था।









