
दिल की बीमारी आज दुनिया भर में मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुकी है, और भारत में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। शारीरिक गतिविधियों की कमी, तनाव, अस्वास्थ्यकर भोजन की आदतें, मोटापा और धूम्रपान जैसे कारण युवाओं में हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल का दौरा क्यों सुबह के समय ज्यादा जानलेवा होता है?
हालिया शोध और दिल के विशेषज्ञों के मुताबिक, सुबह के समय होने वाले हार्ट अटैक ज्यादा गंभीर होते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण।
1. शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक की भूमिका
हमारा शरीर एक प्राकृतिक जैविक घड़ी के अनुसार काम करता है, जिसे सर्कैडियन रिद्म कहा जाता है। यह घड़ी शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करती है, जैसे हार्मोन का स्तर, रक्तचाप और दिल की धड़कन। सुबह के समय, यह घड़ी शरीर को सक्रिय करती है, लेकिन इसी समय रक्तचाप और हृदय गति में अचानक वृद्धि हो जाती है, जिससे दिल पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
2. रक्त गाढ़ा हो जाता है
सुबह के समय खून की गाढ़ापन यानी ‘विस्कोसिटी’ बढ़ जाती है, जो रक्त को थक्के बनाने की प्रवृत्ति देती है। जब खून में गाढ़ापन बढ़ता है, तो अगर धमनियों में पहले से फैटी जमा मौजूद हो और खून में थक्का बन जाए, तो रक्त का प्रवाह रुक सकता है। इससे दिल को आवश्यक ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।
3. प्लेटलेट्स की सक्रियता बढ़ जाती है
सुबह के समय शरीर में प्लेटलेट्स यानी रक्त के थक्के बनाने वाली कोशिकाएं अधिक सक्रिय हो जाती हैं। यह सामान्य जैविक प्रक्रिया है, लेकिन जिन लोगों की धमनियों में पहले से फैट या कोलेस्ट्रॉल का जमाव होता है, उनके लिए यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। प्लेटलेट्स का अत्यधिक सक्रिय होना धमनियों में ब्लॉकेज का कारण बन सकता है, जो हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ा सकता है।
सावधानियां
सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने के बावजूद, आप इसे अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके कम कर सकते हैं। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तनाव से बचाव और धूम्रपान से दूर रहना जैसे उपायों से दिल की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है।
हृदय रोगों से बचाव के लिए सुबह के समय शारीरिक गतिविधियां करने से पहले कुछ देर आराम करना और हल्के व्यायाम से शुरुआत करना बेहतर हो सकता है।








