
वाराणसी- उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गुरुवार को केंद्रीय जल परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनवाल ने देश के पहले हाइड्रोजन चलने वाले वाटर टैक्सी का उद्घाटन किया।

गंगा में नमो घाट से अस्सी घाट तक संचालित होने वाले वाटर टैक्सी के उद्घाटन के दौरान केंद्रीयमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन कर वाटर टैक्सी को हरीझंडी दिखाया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश की नदियों में प्रदूषण न हो इसे देखते हुए प्रधानमंत्री के आवाह्न पर हाइड्रोजन से चलने वाले वाटर टैक्सी शुरुआत की गई। वही उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले समय में हाइड्रोजन से और भी वाटर टैक्सी का संचालन गंगा में करवाया जाएगा। जिससे गंगा में प्रदूषण और शोर कम हो।

एयरकंडीशन और सीसीटीवी से लैस सुरक्षा मानकों को पूरा कर रही हाइड्रोजन से चलने वाली वाटर टैक्सी
वाराणसी में शुरू हुई हाइड्रोजन से संचालित होने वाली वाटर टैक्सी बेहद ही खास है। भारत में निर्मित हाइड्रोजन से चलने वाले वाटर टैक्सी में 50 लोगों के बैठने की सुविधा है। जबकि सुरक्षा की दृष्टि से इसमें सीसीटीवी कैमरे और लाइफ जैकेट की व्यवस्था की गई है। यह वाटर टैक्सी आम नाव की अपेक्षा पूरी तरह से पैक है।

वही इसको चलाने के लिए ट्रेंड पायलटों की तैनाती की गई है। देश के पहले स्वदेशी हाइड्रोजन ईधन से चलने वाले वाटर टैक्सी की लंबाई करीब 24 मीटर लंबी है, जिसे तीन हिस्सों में बनाया गया है। वाटर टैक्सी के पहले हिस्से में पायलट का केबिन बना है, जबकि दूसरे हिस्से में यात्रियों को बैठने की व्यवस्था की गई है

वही तीसरे और आखिरी हिस्से में हाइड्रोजन सिस्टम लगाया गया है, जिसमें इसकी हाइब्रिड ऊर्जा प्रणाली में हाइड्रोजन ईंधन सेल, बैटरी और सौर ऊर्जा का संयोजन किया गया है। हाइड्रोजन ईंधन से संचालित वाटर टैक्सी में एक बार हाइड्रोजन भरने पर यह आठ घंटे तक चल सकती है।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल









