
लखनऊ: उत्तर-प्रदेश सरकार द्वारा प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए एक स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना की शुरुआत की जा रही है। इस परियोजना का औपचारिक शुभारंभ जनवरी 2026 मे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वरा किया जाएगा। यह परियोजना प्रदेश की वायु को सुधारने और प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ:
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासी निकाय
स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना का शासी निकाय प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्य करेगा। परियोजना में प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव भी शामिल होंगे और इसे संचालित करने में मदद करेंगे।
विश्व बैंक का सहयोग
इस परियोजना को विश्व बैंक के सहयोग से लागू किया जा रहा है, जो कि प्रदूषण नियंत्रण और वायु गुणवत्ता सुधार के लिए वित्तीय मदद प्रदान करेगा।
छह वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू होगी परियोजना
यह परियोजना 2025 से 2031 तक 6 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू होंगी। इससे विभिन्न स्तरों पर प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू किया जाएगा और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए रणनीतियाँ तैयार की जाएंगी।
प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में सरकार का बड़ा कदम
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में प्रदूषण के स्तर को कम करना और स्वच्छ वायु की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इसके तहत वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा, जिससे सरकार को प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखने में मदद मिलेगी और समय पर उपाय किए जा सकेंगे।
बता दें कि इस परियोजना से यूपी में प्रदूषण की समस्या में कमी आएगी और लोग स्वच्छ वायु में सांस ले सकेंगे। सरकार का यह कदम प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकता है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालेगा।









