यूपी सरकार के मंत्री दिनेश खटीक के “हस्तिनापुर छोड़ने” का मामला, मंत्री ने तीसरी बार चुनाव लड़ने से किया इंकार

उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश खटीक ने हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। उन्होंने इस क्षेत्र को “श्रापित” बताते हुए कहा कि वह अब इस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह बयान उनके द्वारा क्षेत्र की उपेक्षा और रोजगार की कमी को लेकर दिए गए हैं। खटीक के इस बयान पर हस्तिनापुर की जनता ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे “श्रापित” नहीं बल्कि “कुरूवंश की राजधानी” कहा।

खटीक ने अपनी बात में यह भी कहा कि 9 सालों में हस्तिनापुर में रोजगार और रोजगार के अवसर नहीं आए हैं। न ही कोई उद्यमी यहाँ आया और न ही यहां फैक्ट्रियां स्थापित हुईं। नतीजतन, यहां के युवा बेगारी करने को मजबूर हैं।

मंत्री ने यह भी माना कि हालांकि उन्होंने इस क्षेत्र में मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया और मंदिरों को नया रूप दिया, लेकिन जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका। जनता ने इस मामले को मंत्री का निजी विचार बताया और कहा कि मंत्री का हस्तिनापुर को “श्रापित” कहना उनका व्यक्तिगत दृष्टिकोण है।यह मुद्दा अब राजनीति और विकास के बीच एक नए विमर्श का रूप ले चुका है, जहां जनता और मंत्री के दृष्टिकोण में अंतर साफ नजर आ रहा है।

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