उत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। चुनाव आयोग के द्वारा की गई इस प्रक्रिया में अब तक लाखों वोटर्स के नाम लिस्ट से काटे जा चुके हैं। 2.89 करोड़ वोटर्स के नाम काटे जाने की संभावना है और 1.11 करोड़ वोटर्स को दस्तावेज के लिए नोटिस भेजी जाएगी।
लखनऊ
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) December 26, 2025
➡उत्तरप्रदेश में SIR से जुड़ी बड़ी खबर
➡UP में कटेंगे 2.89 करोड़ वोटर्स के नाम
➡1.11 करोड़ वोटर्स को नोटिस, देने पड़ेंगे दस्तावेज
➡SIR फॉर्म भरने का रात 12 बजे तक अंतिम समय
➡31 दिसंबर को अंतिम मतदाता सूची होगी प्रकाशित
➡11 दिसम्बर तक 2.91 करोड़ वोटर के फॉर्म जमा नहीं… pic.twitter.com/A18pqntn4f
SIR प्रक्रिया के तहत, चुनाव आयोग ने उन वोटर्स के नाम काटने का फैसला किया है, जिन्होंने अपने रिकॉर्ड को सही तरीके से अपडेट नहीं किया था। 31 दिसंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी, जिसमें केवल वही लोग शामिल होंगे, जिन्होंने इस प्रक्रिया को पूरा किया है।
आज रात 12 बजे तक SIR फॉर्म भरने का अंतिम समय है। 11 दिसंबर तक करीब 2.91 करोड़ मतदाता ऐसे थे जिन्होंने SIR फॉर्म नहीं भरा था। लेकिन 15 दिन की बढ़ी हुई समय सीमा में केवल 10 लाख वोटर्स ने ही SIR फॉर्म भरे हैं। इसका मतलब है कि 31 दिसंबर के बाद 1.11 करोड़ वोटर्स को नोटिस भेजे जाएंगे, ताकि वे दस्तावेज़ जमा कर सकें।
चुनाव आयोग ने 13 दस्तावेजों की सूची तैयार की है, जो वोटर्स को अपनी पहचान साबित करने के लिए जमा करने होंगे। इन दस्तावेजों में से कोई एक जमा कर वे अपने वोटर के रूप में मान्यता प्राप्त कर सकते हैं। दस्तावेजों की सूची में आधार कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड, पैन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज शामिल हैं।
यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद, फरवरी में अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद, जो लोग दस्तावेज़ जमा करेंगे, उनका नाम भी सूची में शामिल किया जाएगा।
इस प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग ने कहा है कि यह कदम चुनावों में पारदर्शिता और सही मतदान सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। आयोग का मानना है कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची को अपडेट करने और उन लोगों को शामिल करने में मदद करेगी जो सही तरीके से पंजीकरण नहीं कर पाए थे।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रक्रिया के बाद चुनावों में अधिक सटीक मतदान होगा और फर्जी वोटिंग की संभावना कम होगी। हालांकि, इसके साथ ही कुछ लोगों को दस्तावेज़ जमा करने में कठिनाई हो सकती है, लेकिन चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई उपाय किए हैं।
इस खबर के बाद उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों के लिए मतदान प्रक्रिया को लेकर चर्चा तेज हो गई है। अब यह देखना होगा कि 31 दिसंबर तक कितने वोटर्स अपने नाम को सूची में शामिल करवाने के लिए दस्तावेज़ जमा करते हैं।









