kanpur: हैलट अस्पताल में बड़ी चूक, जिंदा मरीज को बना दिया मुर्दा…पुलिस लेने गई तो हो गया हंगामा!

ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर ने गलती से मृत मरीज की जगह बेड 43 के मरीज को मृत घोषित कर दिया और पुलिस को सूचना भेज दी।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत हैलट अस्पताल में शनिवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक जिंदा मरीज को मृत घोषित कर दिया गया और उसकी जानकारी पुलिस को दी गई। इस घटना ने अस्पताल की कार्यप्रणाली और मरीजों की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जिंदा मरीज को मृत घोषित करने की गलती
मिली जानकारी के अनुसार, 20 दिसंबर को गोविंदनगर इलाके की एक फैक्टरी में काम करने वाले 55 वर्षीय व्यक्ति को वार्ड 12 के बेड 43 पर अज्ञात मरीज के रूप में भर्ती कराया गया था। उस समय मरीज बेहोश था, इसलिए उसे अज्ञात स्थिति में भर्ती किया गया और इलाज शुरू कर दिया गया। बगल के बेड 42 में 43 वर्षीय युवक को भी 24 दिसंबर को अज्ञात अवस्था में भर्ती कराया गया था। दोनों मरीजों का इलाज डॉ. ब्रजेश कुमार के निर्देशन में किया जा रहा था।

शनिवार सुबह बेड 42 में भर्ती मरीज की मौत हो गई। ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर ने गलती से मृत मरीज की जगह बेड 43 के मरीज को मृत घोषित कर दिया और पुलिस को सूचना भेज दी। पुलिस ने जब शव कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए गोविंदनगर पुलिस पहुंची, तब मामले का खुलासा हुआ।

परिजनों को मिली मौत की सूचना, फिर भी मरीज जिंदा
मरीज की मौत की सूचना अस्पताल प्रशासन ने उसके परिजनों को दी, जो पहले से ही गायब थे। जैसे ही परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर मरीज को जिंदा देखा, उन्होंने राहत की सांस ली। मरीज ने अपना नाम विनोद बताया। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि, इलाज करने वाले डॉ. ब्रजेश कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

जांच की प्रक्रिया और अस्पताल की प्रतिक्रिया
इस अजीबो-गरीब घटनाक्रम के बाद अस्पताल प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और आंतरिक जांच की शुरुआत कर दी है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने कहा कि जूनियर डॉक्टर ने गलती से जीवित मरीज को मृत घोषित किया और पुलिस को सूचना दी। उन्होंने बताया कि जूनियर डॉक्टर ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए लिखित माफी भी मांगी है। इसके बावजूद, तीन वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम गठित की गई है, जो इस घटना की गहन जांच करेगी।

उपप्राचार्य डॉ. रिचा गिरि ने भी मामले की पुष्टि की और कहा कि शनिवार को बेड 42 में भर्ती मरीज की मौत हो गई, लेकिन जूनियर डॉक्टर ने गलती से बेड 43 में इलाजरत मरीज को मृत घोषित कर दिया। घटना का तुरंत सुधार किया गया और इसकी सूचना प्राचार्य को दी गई है।

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