कोडीन कफ सिरफ के सरगना शुभम जायसवाल के गुर्गे गिरफ्तार, हवाला के पैसे से होता था तस्करी का पूरा खेल…

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के कोडीन युक्त कफ सिरप मामले में पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुट गई है। गाजियाबाद, सोनभद्र के बाद वाराणसी पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तारियां तेज कर दी है। वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने कोडीन कफ सिरप के सरगना शुभम जायसवाल के 5 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। रोहनिया और सारनाथ पुलिस के द्वारा गिरफ्तार हुए गुर्गों ने पुलिस की पूछताछ में कई अहम राज उगले है। पूछताछ में कोडीन युक्त कफ़ सिरप के तस्करी से कमाए अवैध पैसों को हवाला के जरिए गोल्ड और नगदी पैसों को खपाने का मामला प्रकाश में आया है। वही हवाला के पैसों को कैसे कोड के माध्यम से 10 रुपए के नोट के जरिए किया जाता था और कैसे नीले और पीले रंग से इन पैसों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाता इसकी जांच में पुलिस की टीम जुट गई है।

50 से अधिक सेल कंपनियों के जरिए जमा हुआ हवाला का पैसा…

कोडीन युक्त कफ सिरप सिंडिकेट के मेंबर व शुभम जायसवाल के गुर्गों ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया कि सिंडिकेट के सभी मेंबरों का काम बंटा हुआ था। सारनाथ पुलिस की गिरफ्त में आए विष्णु पांडे, लोकेश अग्रवाल का काफ फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से फर्म खुलवाकर उनके नाम पर कोडीन कफ सिरप को बिक्री करवाया जाता, लेकिन यह बिक्री केवल कागजों पर किया जाता था। जबकि रोहनिया पुलिस की गिरफ्त में आए दिनेश यादव, आशीष यादव और स्वप्निल केसरी फर्जी सेल कंपनी खुलवाते, जिसके लिए वह ड्रग विभाग के लाइसेंस दिलवाते थे और उस कंपनी के GST से इनवॉइस बनाकर फर्जी तरीके से ई वे बिल का नंबर लेकर बैंकिंग के जरिए फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन किया जाता है। यह सभी पैसा फाइनली शुभम जायसवाल के फर्मों को जाता था। वरुणा जोन को एडीसीपी नीतू कादयान ने बताया कि रोहनिया के कंपनी से 13 करोड़ रुपए कैश डिपोजिट किया गया है और सारनाथ की कंपनी से 6 करोड़ रुपए कैश और 3 से 4 करोड़ रुपए RTGS के माध्यम से ट्रांजेक्शन किया गया है।

कोडीन कफ सिरप की तस्करी में 10 गुना होता था मुनाफा, गोल्ड और हवाला के जरिए होता था लेनदेन…

वाराणसी की एडीसीपी नीतू कादयान ने बताया कि कोडीन युक्त कफ़ सिरप में 10 गुना फायदा होता था। ऐसे में उस मुनाफे के पैसों को गोल्ड और हवाला के जरिए कैश के रूप में वाराणसी लाया जाता था। रोहनिया में पैसों को शुभम जायसवाल की मौजूदगी में रिसीव किया जाता था। इन पैसों को सारनाथ के प्रतीक गुजराती और लोकेश अग्रवाल (गिरफ्तार हुए अभियुक्त) पैसों कोv सेल कंपनियों के जमा करते थे। कोडीन युक्त कफ सिरप के पैसों को करीब 50 से अधिक फर्जी सेल कंपनियों के माध्यम से ट्रांजेक्शन किया जाता था। गिरफ्तार हुए अभियुक्तों के मोबाइल फोन से कई अहम सुराग मिले है, जिसमें वह डायरेक्ट 50 हजार के इनामिया शुभम जायसवाल से चैट किया है और बात भी किए है। चैट में हवाला के पैसों की लेन देन की बाते भी प्रकाश में आया है।

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