C-130J सुपर हरक्यूलिस विमानों का सपना टूटा, इंडियन एयर फोर्स अब MTA विमानों पर करेगा निवेश

सैनिकों को तेजी से उतारने-चढ़ाने की क्षमता और कम दूरी से टेक-ऑफ और लैंडिंग की सुविधा थी, जिससे ये कठिन हवाई पट्टियों पर भी उतर सकते थे।

इंडियन एयर फोर्स ने 2011 से सेवा में लाए गए C-130 हरक्यूलिस कार्गो विमानों की खरीद योजना को अब रद्द कर दिया है। पहले C-130J सुपर हरक्यूलिस विमानों की खरीद का प्रस्ताव था, लेकिन अब वायुसेना ने इसे छोड़कर मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (MTA) पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के मुताबिक, वायुसेना 2026 के शुरुआती महीनों में 80 MTA विमानों की खरीद के लिए समझौता कर सकती है, जो करीब 5 अरब डॉलर का होगा।

इस बदलाव से यह स्पष्ट होता है कि वायुसेना अब पुराने और छोटे विमानों की संख्या बढ़ाने के बजाय एकीकृत और ज्यादा पेलोड वाले विमानों पर ध्यान दे रही है। हालांकि, C-130J विमानों की महत्वता विशेष ऑपरेशन्स के लिए अब भी बनी हुई है।

C-130J की पृष्ठभूमि:
भारत और अमेरिका के बीच 2008 में हुए फॉरेन मिलिट्री सेल्स (FMS) समझौते के तहत छह C-130J-30 विमान भारत ने खरीदे थे, जिनकी कीमत करीब 1.2 अरब डॉलर थी। इन विमानों को वायुसेना की टैक्टिकल एयरलिफ्ट क्षमता और स्पेशल मिशन क्षमता बढ़ाने के लिए खरीदा गया था। इन विमानों में रात में उड़ान भरने के लिए इन्फ्रारेड सिस्टम, सैनिकों को तेजी से उतारने-चढ़ाने की क्षमता और कम दूरी से टेक-ऑफ और लैंडिंग की सुविधा थी, जिससे ये कठिन हवाई पट्टियों पर भी उतर सकते थे।

इन विमानों की खासियत यह थी कि वे लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी जैसे ऊंचाई वाले और कठिन हवाई पट्टियों पर भी ऑपरेशन्स कर सकते थे। 2014 में एक C-130J विमान ग्वालियर के पास एक ट्रेनिंग उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसके बाद, 2016 में एक नए विमान का ऑर्डर दिया गया, और 2019 तक वायुसेना के पास कुल 12 C-130J विमान हो गए, जो हिंडन एयरबेस पर तैनात हैं।

रिप्लेसमेंट और अतिरिक्त विमानों की योजना:
वायुसेना ने C-130J विमानों के रिप्लेसमेंट के लिए 6 अतिरिक्त विमानों का विकल्प रखा था, जो विशेष रूप से पैरा ड्रॉप, स्पेशल फोर्सेस मिशन, रेस्क्यू और ह्यूमैनिटेरियन ऑपरेशन्स के लिए उपयोग होने थे। 2011 में सिक्किम भूकंप राहत कार्यों में इन विमानों की अहम भूमिका के बाद यह योजना और भी महत्वपूर्ण हो गई। 2012 में अमेरिका ने भारत की मांग को औपचारिक रूप से स्वीकार किया, जिससे एक नई डील का रास्ता खुला। इसके बावजूद, लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के प्रयासों के बावजूद, सितंबर 2024 में भारत में मेंटेनेंस और ओवरहॉल सेंटर स्थापित करने के समझौते के बावजूद यह योजना अब पूरी तरह से रद्द कर दी गई है।

अब वायुसेना ने C-130J विमानों की खरीद को पूरी तरह से खारिज करते हुए MTA विमानों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है।

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