
उन्नाव रेप पीड़िता ने भारत समाचार से बातचीत में कहा कि उन्हें यह कहकर घुमाया जा रहा है कि वे गलत बयान दें, ताकि चार हफ्ते बाद वही साक्ष्य सुप्रीम कोर्ट में रखे जा सकें। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। पीड़िता ने कहा, “मैंने जो बोला है, जिस साक्ष्य के आधार पर निचली अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी, वही मेरा बयान रहेगा। मैं दूसरा बयान नहीं दूंगी।”
पीड़िता ने आगे कहा कि किसी बड़े व्यक्ति की शादी होती है, उसकी फोटो-वीडियो लोग अपने सोशल मीडिया पर नहीं डालते। लेकिन जब एक रेप विक्टिम की शादी होती है, तो उसके पति की फोटो सोशल मीडिया पर डाली जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि नंदिनी दीक्षित ने उनके पति के फेसबुक से फोटो निकालकर अपने फेसबुक पर डाली। पीड़िता ने सवाल उठाया, “ये कहाँ का न्याय है? ये तो एक बेटी के साथ अन्याय हो रहा है।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए कहा कि अगर उनकी बेटी के साथ ऐसा होता, तो क्या यह गलत नहीं माना जाता? पीड़िता ने कहा, “मेरे महाराज जी बोलते हैं कि अगर बेटी को कोई आँख उठाकर देखेगा, तो अगले चौराहे पर यमराज उसका इंतज़ार करेगा।”
पीड़िता ने कहा कि वह महाराज जी से यही कहना चाहती हैं कि अगर यह सब 2017 में किया गया होता, तो आज उन्हें न्याय मिल गया होता, उनके पिता ज़िंदा होते और उनका परिवार बना रहता।









