केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से सरकार को लाभांश में लगातार वृद्धि, जानें पूरी जानकारी…

सीपीएसई से प्राप्त लाभांश सरकार के गैर-कर राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और यह सरकारी वित्तीय प्रबंधन में एक मजबूत संकेतक बन चुका है।

New Delhi: पिछले पांच वित्तीय वर्षों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSI) से केंद्र सरकार को प्राप्त लाभांश में लगातार और उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह वृद्धि सरकार के संशोधित अनुमानों से भी कहीं अधिक रही है। सीपीएसई से प्राप्त लाभांश सरकार के गैर-कर राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और यह सरकारी वित्तीय प्रबंधन में एक मजबूत संकेतक बन चुका है।

बता दें कि, वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में सीपीएसई से वास्तविक लाभांश संग्रह 39,750 करोड़ रुपये रहा, जो संशोधित अनुमान (34,717 करोड़ रुपये) से कहीं अधिक था। इस बेहतर प्रदर्शन ने सरकार के लिए मजबूत वित्तीय स्थिति तैयार की हैं, हालांकि सरकार ने विनिवेश के माध्यम से कई सीपीएसई में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी कम की थी।

बता दें कि, 2021-22 में सीपीएसई से लाभांश 46,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जबकि आरई 59,294 करोड़ रुपये था। इसके बावजूद, वैश्विक और घरेलू आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, सीपीएसई ने लाभांश का अच्छा प्रवाह सुनिश्चित किया।

वहीं 2022-23 में सीपीएसई से प्राप्त लाभांश ने गति पकड़ते हुए 59,533 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जो अनुमानित 43,000 करोड़ रुपये से कहीं अधिक था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी यह सकारात्मक रुझान जारी रहा, और सरकार को सीपीएसई से 64,000 करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ, जो संशोधित लक्ष्य 50,000 करोड़ रुपये से काफी अधिक था।

2024-25 में सीपीएसई से प्राप्त लाभांश का आंकड़ा 74,017 करोड़ रुपये तक पहुंचा, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक था। यह उच्चतम स्तर सीपीएसई के बेहतर शासन, जवाबदेही, और वित्तीय प्रदर्शन में सुधार को दर्शाता है।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीपीएसई से प्राप्त लाभांश का भुगतान अब एक संरचित तरीके से किया जाता है। इसके लिए अंतर-मंत्रालयी मंच, पूंजी प्रबंधन और लाभांश निगरानी समिति (CMC) की मदद से सीपीएसई के लाभांश पर नियमित निगरानी की जाती है। डीआईपीएएम (निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग) ने सीपीएसई के मूल्य सृजन हेतु ऑफर फॉर सेल (OFS) मार्ग का भी इस्तेमाल किया। उदाहरण के तौर पर, गोल्ड यूनियन की ‘मज़गन डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड’ में 3.61 प्रतिशत चुकता इक्विटी का विनिवेश 4 अप्रैल 2025 से शुरू किया गया था। इस विनिवेश से गोल्ड यूनियन को 3,673.42 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।

सीपीएसई के भीतर नेतृत्व और संचार क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डीआईपीएएम ने 17 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में एक कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला वित्त, व्यवसाय विकास और रणनीति से जुड़े अधिकारियों के लिए थी, जिसका उद्देश्य उन्हें निवेशकों और वित्तीय विश्लेषकों से बेहतर संवाद करने के लिए सशक्त बनाना था। इसके अलावा, 29 अगस्त 2025 को नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में वित्तीय बाजारों की बुनियादी बातों पर एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

लाभांश भुगतान में लगातार सुधार, सफल बाजार-आधारित विनिवेश और केंद्रित क्षमता निर्माण की पहल ने 2025 में डीआईपीएएम की पहलों को और मजबूत किया है। इसके परिणामस्वरूप सरकार की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है और निवेशकों का विश्वास भी बढ़ा है। सीपीएसई में दीर्घकालिक मूल्य सृजन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

Related Articles

Back to top button