
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव के नतीजे घोषित होने बाद कई सियासी दलों की हालत बेहद ख़राब हो गयी है. भाजपा की ऐसी आंधी चली कि कई अन्य दल अपनी जमीन तक बचाने में असफल हो गए. भाजपा ने तो अपना कमल खिला कर प्रदेश में वापसी कर ली वही सपा 125 सीटों पर अपनी बढ़त बनाई हैं. कांग्रेस और बसपा का तो बहुत बुरा हाल हुआ है. आलम यह कि कांग्रेस के 399 प्रत्याशियों में 387 ने अपनी जमानत तक बचाने में असमर्थ रहे. बसपा के 403 प्रत्याशियों में से सिर्फ एक ने जीत दर्ज़ की इससे पहले विधानसभा चुनाव में माया का ऐसा हाल नहीं हुआ था. बसपा के 290 प्रत्याशियों की भी जमानत जब्त हो गयी. सपा के भी 6 प्रत्याशी अपनी जमानत न बचा सके. सपा गठबन्धन के सयोगी दल आरएलडी के 3 प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में असफल हुए हैं. वही सुभासपा के 5 अपना दल (k) के तीन प्रत्याशियों की भी जमानत जब्त हो गयी.
भाजपा ने सत्ता में वापसी तो कर ली लेकिन बीजेपी के 3 उम्मीदवारों को अपनी जमानत गावनी पड़ी लेकिन भाजपा के सहयोगी दल के सभी प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में सफल हुए हैं. निषाद पार्टी, अनुप्रिया पटेल की अपना दल(S) के किसी भी प्रत्याशी की जमानत नहीं जब्त हुई है.
गौरतलब है कि प्रदेश में कुल 403 सीटों के लिए 4442 प्रत्याशी मैदान में थे जिसमे 3522 की जमानत जब्त हो गयी है. 80 फीसद उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके. प्रदेश में कुल सात चरणों में मतदान हुए थे और मतों की गिनती 10 मार्च को हुई थी.








