
लखनऊ : योगी कैबिनेट 2.0 का शपथ ग्रहण समारोह 25 मार्च को संपन्न हो गया। योगी सरकार के कैबिनेट में कुल 52 मंत्री बनाए गए है। योगी के इस मंत्रिमंडल की चर्चा हो रही है और लोग अपने अपने तरह से इस कैबिनेट की चर्चा और व्यख्या कर रहे है। योगी कैबिनेट के एक मंत्री की चर्चा जोरो से हो रही है। वह नाम है दानिश अंसारी का जिनके बारे में लोग चर्चा कर रहे है। आपको बता दे की पिछली योगी सरकार में मंत्री रहे मोहसिन रजा की जगह मंत्री बनाए गए है। दानिश अंसारी वर्तमान में किसी भी दल के सदस्य नहीं है .
कौन है दानिश अंसारी ? :
दानिश अंसारी बीजेपी के छात्र संगठन ABVP से जुड़े रहे है। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े कई पदों पर रहे है। वह 2010 में एबीवीपी में शामिल हुए थे। लखनऊ विश्वविद्यालय से उन्होंने छात्र राजनीति में कदम रखा और लगातार बीजेपी के लिए काम करते रहे। बीजेपी के प्रति उनकी इसी वफादारी का इनाम उनको मंत्री के रूप में मिला। दानिश ने लोक प्रशासन और गुणवत्ता प्रबंधन में मास्टर डिग्री ली है।
2017 में योगी सरकार के बनने के बाद बीजेपी के प्रति उनकी वफादारी का इनाम मिला और उन्हें अक्टूबर 2018 में योगी सरकार में उर्दू भाषा समिति के लिए नामित किया गया। इसके साथ ही उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला । दानिश को यूपी चुनाव से ठीक पहले भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का महासचिव नियुक्त किया गया था।
पिछली सरकार में मंत्री रहे मोहसिन रजा का मंत्री पद से पत्ता क्यों कटा यह चर्चा का विषय है। लेकिन दानिश को मिला मंत्री पद उनको बीजेपी के प्रति उनकी वफादारी के कारण मिला है। फिलहाल वह किसी सदन के सदस्य नहीं है अगर उनको मंत्री बने रहना है तो 6 महीने के अंदर किसी भी सदन का सदस्य निर्वाचित होना होगा।
मंत्री बनने के बाद दानिश अंसारी ने भारत समाचार से बात करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ का मंत्रिमण्डल में शामिल करने के लिए धन्यवाद दिया है। और सपा कांग्रेस पर जमकर सियासी हमला किया है। उन्होंने कहा मुसलमानो का हित केवल बीजेपी सरकार में ही सुरक्षित है। सपा और कांग्रेस ने केवल मुसलमानों का शोषण करने का काम किया है।








