
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मियां अब जोर पकड़ने लगीं हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने बड़ी घोषणा की है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई प्रत्याशियों का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी, देश के प्रथम नागरिक के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के किसी भी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेगी.
दरअसल, देश के राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है. इस चुनाव में जनता सीधे हिस्सा नहीं लेती है बल्कि जान प्रतिनिधि अपना मत देकर देश के राष्ट्रपति का चयन करते हैं. राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज (Electoral College) के नियमों के तहत होता है. इसमें एकल संक्रमणीय मत पद्धति अपनाते हुए, संसद के दोनों सदनों और राज्य विधानसभा के सभी निर्वाचित सदस्य हिस्सा लेते हैं.
वर्तमान में सपा के विधायकों की संख्या 111 है जबकि संसद में समाजवादी पार्टी के कुल 5 सांसद हैं. बता दें कि साल 2017 में जब राष्ट्रपति का चुनाव होना था, तब भी सपा सुप्रीमों ने ऐसा ही एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति चुना गया उस दौरान अखिलेश ने कहा था कि सपा धर्म निरपेक्ष मोर्चे का साथ देगी. हालांकि इस बार उनका रवैया अलग है और उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के किसी भी प्रत्याशी का समर्थन ना करने की बात कही है.









