
लखनऊ. यूपी की चुनावी जंग के बाद अब सबकी नजर आजमगढ़ के उपचुनाव पर है, क्योंकि 23 जून को होने वाला चुनाव 2024 का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के इस अभेद्य किले में सेंध लगाने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जहां बसपा ने गुड्डू जमाली पर दांव चला है तो भाजपा की तरफ से निरहुआ चुनावी मैदान में हैं। लेकिन सपा ने सुशील आनंद पर दांव चलकर सबको हैरत में डाल दिया है, क्योंकि पहले आजमगढ़ से डिंपल यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन अब साफ हो गया है कि सपा की तरफ से सुशील आनंद उम्मीदवार होंगे।
आजमगढ़ में होने वाले लोकसभा के उपचुनाव के लिए अखिलेश यादव ने दलित कार्ड चला है, चर्चा भले ही डिंपल यादव के चुनाव लड़ने की थी लेकिन अखिलेश यादव ने सारी चर्चाओं को ठंडा करते हुए आजमगढ़ से सुशील आनंद को सपा का उम्मीदवार बनाया है। सुशील आनंद पूर्व सासंद बलिहारी बाबू के बेटे हैं और अखिलेश ने बलिहारी बाबू के बेटे सुशील आनंद को आजमगढ़ से सपा का उम्मीदवार घोषित किया है।
यूपी विधानसभा चुनाव में जिस आजमगढ़ जिले की सभी सीटें सपा ने जीतीं वहां सपा के इस दांव से हर कोई हैरान है। हालांकि जानकारों की मानें तो समाजवादी पार्टी ने सुशील आनंद को उम्मीदवार बनाकर यादव और मुस्लिम वोट बैंक की एकजुटता बरकरार रखने के साथ दलित वोट-बैंक को भी जोड़ने की कोशिश की है।









