कश्मीरी पंडित-मॉब लिंचिंग’ वाले बयान पर साई पल्लवी ने दी सफाई, जानें क्या कहा

साउथ इंडस्ट्री की सुपरस्टार साई पल्लवी की सोशल मीडिया पर फैन फॉलोइंग काफी ज्यादा है। फैंस उन्हे काफी पसंद करते है। वो अक्सर सोशल मीडिया पर छाई रहती है। लेकिन इन दिनों साई अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में बनी हुई है। दरअसल, हाल ही में अपनी आने वाली फिल्म विराट पर्वम के प्रमोशन के दौरान साई पल्लवी ने कुछ ऐसा कह दिया है, जिससे सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है। दरअसल साई पल्लवी ने बॉलीवुड फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) में दिखाए गए कश्मीरी पंडितों की हत्या के सीन की तुलना मॉब लिंचिंग से करके विवादित बयान दिया है। जिसकी वजह माहौल गर्मा गया है।

साउथ इंडस्ट्री की सुपरस्टार साई पल्लवी की सोशल मीडिया पर फैन फॉलोइंग काफी ज्यादा है। फैंस उन्हे काफी पसंद करते है। वो अक्सर सोशल मीडिया पर छाई रहती है। लेकिन इन दिनों साई अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में बनी हुई है। दरअसल, हाल ही में अपनी आने वाली फिल्म विराट पर्वम के प्रमोशन के दौरान साई पल्लवी ने कुछ ऐसा कह दिया है, जिससे सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है। दरअसल साई पल्लवी ने बॉलीवुड फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) में दिखाए गए कश्मीरी पंडितों की हत्या के सीन की तुलना मॉब लिंचिंग से करके विवादित बयान दिया है। जिसकी वजह माहौल गर्मा गया है।

आपको बता दें साई पल्लवी ने मीडिया में इंटरव्यू दिया जहा उन्होने ‘फिल्म द कश्मीर फाइल्स में कश्मीरी पंडितो के नरसंहार को दिखाया गया. वहीं अगर हिंसा और धर्म को एक तराजू में तोला जाए तो कुछ समय पहले गायों से भरे एक ट्रक को ले जाने वाले मुस्लिम व्यक्ति को बेहरमी से पीट कर उससे जय श्री राम के नारे लगाने को कहा गया. अब मुझे ये बताइए की इन दोनों घटनाओं में क्या अंतर है.’

लेकिन आज, अभिनेत्री ने स्पष्टीकरण जारी करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।  उन्होंने कैप्शन के साथ एक क्लिप पोस्ट की, जिसमें लिखा था, “ये रहा मेरा स्पष्टीकरण! मैं आप सभी की खुशी, शांति और प्यार की कामना करती हूं!” क्लिप में, अभिनेत्री को यह कहते हुए देखा जा सकता है कि यह पहली बार है जब मैं कुछ स्पष्ट करने के लिए आप सभी से संपर्क कर रही हूं।  मैं अपने दिल की बात कहने से पहले दो बार सोचूंगी क्योंकि मैं चिंतित हूं कि मेरे शब्दों का गलत अर्थ निकाला जा सकता है। ” मैं केवल इतना वहां कहना चाह रही थी कि धर्म के नाम पर कोई भी विवाद गलत चीज होती है।

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