संस्कृत भाषा पर गहराया संकट, प्रचार-प्रसार तथा बढ़ावा देने के लिए सरकार कर रही कार्य

मसूरी शहर के सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत सप्ताह के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में संस्कृत द्वितीय राज्य भाषा होने के बाद भी संस्कृत के विकास की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा जिससे संस्कृत प्रेमियों में निराशा व्याप्त हो रही है।

मसूरी शहर के सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत सप्ताह के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में संस्कृत द्वितीय राज्य भाषा होने के बाद भी संस्कृत के विकास की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा जिससे संस्कृत प्रेमियों में निराशा व्याप्त हो रही है।

संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम का उप निदेशक संस्कृत शिक्षा पदमाकर मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर उदघाटन किया। इस मौके पर संस्कृत सप्ताह पर कार्यक्रम आयोजित किए जाने के लिए प्रधानाचार्य बृजेश सयाना सहित अध्यापकों व छात्रों को बधाई दी।

इस मौके पर प्रधानाचार्य बृजेश सयाना ने कहा कि संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष में महाविद्यालय में संस्कृत सप्ताह का आयोजन किया गया है जिसके तहत पूरे सप्ताह भर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार तथा बढ़ावा देने के लिए जहां सरकार लगातार कार्य कर रही है वहीं आम लोगों में भी संस्कृत भाषा के प्रति जागरूकता लाने के लिए संस्कृत महाविद्यालय में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा विज्ञान की भाषा है जो सभी भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ है और इसके प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत ऋषि-मुनियों की भाषा है और इस भाषा को न पढ़ने से ऋषि मुनियों के ज्ञान पर शोध और अन्वेषण नहीं हो पा रहा है, जिससे कि संस्कृत भाषा पर संकट गहरा गया है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा प्राचीन भाषा है और आम आदमी को इसको अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

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