
Desk: आग लगनें के बाद से लेवाना सुइट्स के मालिक के उपर सवाल खड़े होनें लगे हैं, हालांकि वो अकेले इस मामलें में दोषी नहीं हो सकते हैं. दरअसल इस पूरे मामलें में अधिकारियों की भी संलिप्तता भी अब सामनें आनें लगी है. लेवाना सुइट्स को एलडीए ने नोटिस दिया था हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि ये केवल खाना पूर्ती हेतु था, नोटिस देकर खुद लखनऊ विकास प्राधिकरण कार्रवाई करना भूल गया.
लखनऊ
— भारत समाचार (@bstvlive) September 5, 2022
➡लेवाना सुइट्स को एलडीए ने नोटिस दिया था
➡नोटिस देकर भूल गया था लखनऊ विकास प्राधिकरण
➡आज जब आग लगी तो एलडीए में हड़कंप मच गया
➡नोटिस देने के बाद एलडीए ने कार्रवाई नहीं की थी
➡2018 में नाका अग्निकांड में 5 लोगों की मौत हुई थी।#Lucknow pic.twitter.com/CntlF1oowc
अब जब आज इतना बड़ा हादसा हो गया है तो एलडीए में हड़कंप मच गया है. नोटिस देने के बाद एलडीए ने कार्रवाई नहीं की थी. राजधानी में ये पहला मामला नहीं है जब एलडीए की के अधिकारियों की लापरवाही सामनें आई हो. 2018 में नाका अग्निकांड में 5 लोगों की मौत हुई थी. जांच में 16 एलडीए इंजीनियर दोषी पाए गए थे.
सबसे बड़ा सवाल ये है कि है दोषी इंजीनियरों पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई इसके पीछे का कारण क्या है. लेवाना को संरक्षण देने वालों पर क्या कार्रवाई होगी? राहुल और रोहित अग्रवाल को भी LDA का संरक्षण था. दरअसल समय रहते कार्रवाई होती तो होटल में आग नहीं लगती. राहुल अग्रवाल, रोहित अग्रवाल को एलडीए का संरक्षण प्राप्त है. राहुल और रोहित अग्रवाल की लापरवाही से इतनें बड़े होटल में आग लगी राहुल अग्रवाल की लापरवाही से 2 लोगों की जान से हाथ धोना पड़ा.आग किन कारणों से लगी है इसका पता अभी नहीं लगाया जा सका है. हालांकि राहुल अग्रवाल, रोहित अग्रवाल की बड़ी लापरवाही के कारण ये आग लगी है.









