रुद्रप्रयाग जिले मे एक के बाद एक पीआरडी जवान की नौकरी से छुट्टी की जा रही, जिसके बाद हड़कम मचा हुआ है। जिन जवानो को हटाया जा रहा है उसके पीछे उनका ट्रेन न होना बताया जा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल यह खड़ा होता है की जब ये जवान प्रशिक्षित नही थे तो रहे नौकरी पर लगाया किसने और अब जब वह कई सालों की सेवा कर चुके है, तो फिर हटाया क्यों जा रहा। यानी मामला जांच का बड़ा विषय बन गया है।
गौरतलब हैं कि पीआरडी विभाग रुद्रप्रयाग ने मौजूदा समय मे 80 ऐसे जवानो को चिंहित किया गया है जो बिना प्रशिक्षण के नौकरी कर रहे थे। इनमे से अभी तक 24 जवानो की नौकरी से छुट्टी भी दी जा चुकी है। जिसके बाद से हड़कंप का माहौल बना हुआ है। आखिर ऐसे क्यो किया जा रहा है यह समझ से परे है। जब ये जवान अनट्रेन थे तो नियमो को ताक पर रखकर नौकरी लगाई क्यों और आज उन्ही नियमो का हवाला देकर नौकरी से हटाना सीधे रूप से विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहा है।
बतादें कि जिन जवानो को हटाया जा रहा है उनके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा क्योंकि अब वह मझधार मे फंस गए है। वही इस संबंध मे युवा कल्याण अधिकारी वरद जोशी का कहना है पहले इन्हे कैसे लगाया मुझे पता नही, लेकिन ये मानको के खिलाफ है और अगर उच्च स्तर यदि इसमे जाँच के आदेश मिलते है तो की जायेगी। कहा की जो भी जवान अप्रशिक्षित है उसे हटाया जायेगा, अभी तक छब्बीस को हटाया जा चुका है बाकी को हटाने की कार्यवाही जारी है।
बड़ी बात यह भी है की विगत वर्ष मार्च मे हाईकोर्ट ने भी इसमे आदेश दिये थे की अनट्रेन लोगो को नौकरी पर ना लगाया जाए। परंतु इतने लम्बे समय तक विभाग के भीतर खिचड़ी पक रही थी की अब जाकर आनन फ़ानन ने कारीवाही की जा रही है।अब देखना यह है की क्या इस मामले की जांच होती है और नया मोड इसमे आता है या फिर चिंहित हुए एक के बाद एक पीआरडी जवान को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।