Uttrakhand: हर्षोल्लास के साथ निकाली गई भगवान वाल्मीकि की शोभायात्रा, यूपी के बिजनौर से आया अखाड़ा बना आकर्षण का केंद्र

काशीपुर में हर साल की तरह इस साल भी भगवान महर्षि वाल्मीकि के प्रकट उत्सव के मौके पर भगवान महर्षि वाल्मीकि की विशाल एवं भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट – निज़ामुद्दीन शेख़

उत्तराखंड: काशीपुर में हर साल की तरह इस साल भी भगवान महर्षि वाल्मीकि के प्रकट उत्सव के मौके पर भगवान महर्षि वाल्मीकि की विशाल एवं भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। मोहल्ला महेशपुरा स्थित वाल्मीकि धर्मशाला से निकाली गई शोभायात्रा का शुभारंभ भाजपा नेता दीपक बाली ने दीप प्रज्वलित कर किया। बीते 2 वर्षों से कोरोना वैश्विक महामारी के चलते बाल्मीकि शोभायात्रा का आयोजन नहीं किया गया था। इस साल कोरोना वैश्विक महामारी के प्रकोप के काफी मात्रा में कम होने के कारण यह शोभा यात्रा हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ निकाली गई।

इस अवसर पर बाली ने कहा कि भगवान महर्षि बाल्मीकि त्रिकालदर्शी थे जिनके आदर्श आज भी हमारा मार्गदर्शन करते हैं। मुख्य अतिथि दीपक बाली ने महर्षि बाल्मीकि के रथ की झांकी को खींच कर शोभा यात्रा को शुरू किया। इस वर्ष बाल्मीकि प्रकटोत्सव शोभायात्रा में 40 से अधिक सजीव और निर्जीव झांकियों के अलावा काली का अखाड़ा, यूपी के स्योहारा जिला बिजनौर से आया अखाड़ा आकर्षण का केंद्र रहा। शोभा यात्रा कल देर शाम मोहल्ला महेशपुरा से टांडा तिराहा, रेलवे स्टेशन रोड, महाराणा प्रताप चौक से मुख्य बाजार, किला बाजार, गीता भवन, मां मनसा देवी मंदिर से डॉक्टर लाइन, रतन सिनेमा रोड से पोस्ट ऑफिस वाली गली से नगर निगम होकर देर मध्यरात्रि मोहल्ला महेशपुरा स्थित बाल्मीकि धर्मशाला में पहुंचकर समाप्त हुई।

इस दौरान जिसका जगह जगह लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। झांकियों में प्रमुख रूप से भगवान गणेश ,सरस्वती, मां लक्ष्मी, शंकर पार्वती, श्याम, संत रविदास, 1957 के स्वतंत्रता सेनानी मातादीन, बाल्मीकि ,रावण, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, आदि की झांकी रही जिन्होंने सभी का मन मोह लिया। शोभायात्रा में सबसे आगे अश्वमेध यज्ञ के प्रतीक रूप में लवकुश घोड़े लेकर आगे चल रहे थे।

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