
Desk: ब्रिटेन में चल रही सियासी अस्थिरता सोमवार को समाप्त हो गई. यूके में पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस ( Liz Truss ) के इस्तीफे के बाद से ही प्रधानमंत्री की रेस जारी थी. इस दौड़ में तीन लोगों का नाम प्रमुखता के साथ सामने रहा. भारतवंशी ऋषि सुनक ( Rishi Sunak ), ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ( Boris Johnson ) और कंजर्वेटिव पार्टी की पैनी मोरडॉन्ट प्रधानमंत्री की रेस में थे.
लेकिन, जॉनसन ने अपना नाम वापस ले लिया, पैनी मोरडॉन्ट ने खुद ऋषि सुनक को पूरा समर्थन दिया और अब ब्रिटेन के इतिहास में ऐसा पहले बार होगा जब कोई भारतीय वहां की प्रधानमंत्री की कुर्सी को सुशोभित कर रहा होगा.
अश्वेत नागरिक पहली बार है जब ब्रिटेन का पीएम बना है. हालांकि जबसे ये खबर सामनें आयी है तभी से लोग लगातार ये खोजबीन कर रहें है कि ऋषि सुनक कैसे भारत से संबंधित हैं और भारत उनमे कैसे बसा है. दरअसल ऋषि सुनक खुद भारत में नही जन्मे हैं बल्कि उनके दादा पंजाब से थे जो बाद में अफ्रीका चले गए वहां से उनके पिता ब्रिटेन चले गए.
वहीं ऋषि सुनक के नाना पंजाब से तंजानिया चले गए. मां का परिवार तंजानिया से ब्रिटेन चला गया. ब्रिटेन में ही ऋषि के माता पिता की शादी हुई और वो वहीं के निवासी हो गए. जिसके बाद 1980 में ऋषि सुनक का जन्म हुआ.अब वो बतौर ब्रिटेन के पीएम नियुक्त किये गए हैं.

ऋषि सुनक का सिक्का ब्रिटेन में चलता है. सुनक वहां के अमीरों की लिस्ट में शामिल हैं. ऋषि सुनक के पास करीब 7300 से ज्यादे की संपत्ति है. ऋषि सुनक की संपत्ति उनकी पत्नी से भी ज्यादे है. ऋषि के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उनकी उम्र 42 वर्ष है और वो पहले पीएम हैं जो अवश्वेत हैं साथ ही भारतीय मूल से हैं.
ऋषि सुनक की पत्नी का नाम अक्षता है, जो कि इंफोसिस के संस्थापक नारयण मूर्ति की बेटी हैं. ऋषि सुनक की फो बेटियां है जिनका नाम कृष्णा और अनुष्का है.वहीं सुनक ने अर्थशास्त्र की पढ़ाई ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से की और एमबीए स्टोनफोर्ड विश्विद्यालय से की है.
सुनक का शुरू से ही राजनीति में खास दिलचस्पी थी. उनके राजनीतिक सफर की बात करें तो 2015 में पहली बार हाउस ऑफ कॉमन में सांसद बन कर आये. 2017 में दूसरी बार सांसद बनें.2018 में थेरेसा सरकार में बतौर वित्त मंत्री कमान संभाली.2019 में तीसरी बार सांसद बनें, उसी वर्ष जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री बने. अब 2022 वो ब्रिटेन के पीएम नियुक्त किया गया. वे 28 अक्टूबर को इस पद की शपथ लेंगे.

उनको देश की कमान मिली जब ब्रिटेन जबरदस्त आर्थिक तंगी से गुज़र रहा है. बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था ही इससे पहले की पीएम के इस्तीफा का कारण बनी. अब ऋषि सुनक ने पीएम नियुक्त होते कहा कि बिगड़ी अर्थव्यवस्था को ठीक करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि किये हुए सभी वायदे पूरे किए जाएंगे.
ऋषि सुनक पहले अल्पसंख्यक पीएम है जो हिन्दू समुदाय से आते है. वहीं कहा जाता है कि वो और उनका परिवार काफी धार्मिक है, यही कारण उन्होंने अपने दोनों बेटियों का नाम भारतीय मूल में अनुसार ही रखा है. ब्रिटेन का पीएम बनने के बाद ऋषि सुनक ने देश को अपना पहला संबोधन दिया जहां पर उन्होंने कई बातें कहीं.

प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सनक के पहले संबोधन की कुछ प्रमुख बातें निम्न हैं…
- उन्होंने कहा, “मैं अपने पूर्ववर्ती लिज ट्रस का आभार जताता हूं. वह इस देश में विकास में सुधार करना चाहती थी, गलत नहीं थी. यह एक बेहद नेक उद्देश्य है और मैं उनकी बदलाव लाने वाली सोच की तहे दिल से प्रशंसा करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि उनसे कुछ गलतियां भी हुई जो दुर्भावना या बुरे इरादों से पैदा नहीं हुई. मुझे अपनी पार्टी के नेता और आपके प्रधान मंत्री के रूप में, उन गलतियों को ठीक करने के लिए चुना गया है.”
- “हमारा देश एक गहन आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. कोविड के दुष्परिणाम अभी भी जारी हैं. यूक्रेन में पुतिन के युद्ध ने दुनिया भर में ऊर्जा बाजारों और आपूर्ति श्रृंखलाओं को अस्थिर कर दिया है. मैं इस सरकार के एजेंडे के केंद्र में आर्थिक स्थिरता और लोगों का सरकार के प्रति विश्वास को रखूंगा. इसका मतलब होगा कि आने वाले समय में कुछ कड़े फैसले लेने होंगे.”
- “मैं प्रधान मंत्री के रूप में अपनी अविश्वसनीय उपलब्धियों के लिए बोरिस जॉनसन का हमेशा आभारी रहूंगा और मैं उनकी गर्मजोशी और भावना की उदारता को आत्मसात करने का प्रयास करूंगा.”
- “मैं अपने देश को कथनी से नहीं, करनी से जोड़ूंगा. मैं आप सब के हितों के लिए दिन-रात काम करूंगा. इस सरकार में हर स्तर पर ईमानदारी, व्यावसायिकता और जवाबदेही होगी. विश्वास अर्जित किया जाता है और मैं आप सबका कमाऊंगा.”
- “मैं (हमारे घोषणापत्र के) वादे को पूरा करूंगा. एक मजबूत NHS, बेहतर स्कूल, सुरक्षित सड़कें, हमारी सीमाओं पर नियंत्रण, हमारे पर्यावरण की रक्षा, हमारे सशस्त्र बलों को और मजबूत करने और एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करने जो ब्रेक्सिट के अवसरों को गले लगाती है जहां व्यवसाय निवेश करें, नवोन्मेष करें और रोजगार सृजित करें, के लिए दिन रात प्रयास करूंगा.”








