
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक छोटे से गांव रखवा की महिला ने इंटरनेट का सही उपयोग करके सात समुन्दर पार अमेरिएक, फिजी, दुबई में अपना नाम कमा लिया हैं। साल 2016 में जब इंटरनेट आया तो तीन बच्चों की मां शशिकला चौरसिया के बड़े बेटे ने यूट्यूब पर उनका एक चैनल बनाया जिससे उन्होंने पूरी दुनिया में नाम कमा लिया हैं। उन्होंने कभी सोंचा भी नहीं होगा कि घर की चौखट लाँघ कर एक वे वर्चुअली दुनिया की सैर करेंगी।
शशिकला शुरू से ही ऐसा खाना बनाती थी जिससे कि आस पड़ोस, गली मोहल्ले के लोग उनके हाथ से बना खाना खाकर उँगलियाँ चाटते रह जाते थे। साथ ही खूब उनकी तारीफ भी करते थे, इसे देखते हुए उनके बेटे चन्दन ने अपने कई दोस्तों की तरह जो यूट्यूब पर और सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर पैसे कमाते थे, अपना भी चैनल बनाने पर विचार किया। और अपनी मम्मी को इसके लिया मनाया।
शशिकला पहले तो नहीं मानी लेकिन बेटे की बालहठ के आगे उनकी नहीं चली। तब उनके बेटे ने “अम्मा की थाली” नाम से एक यूट्यूब चैनल बनाया। बेटे चन्दन ने अपने भाईयों सूरज और पंकज से मशवरा लिया और अपने दोस्तों से जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने यूट्यूब चैनल को स्टार्ट किया। जिस पर अब 16 लाख सब्सक्राइबर हैं।
हालाँकि जब उन्होंने 1 नवंबर 2017 को ‘बूंदी की खीर’ का पहला वीडियो डाला तो उन्हें मात्र 15-20 व्यूज मिले जिससे उन्हें निराशा भी हुई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसके बाद उन्होंने मई 2018 में आम के आचार का वीडियो डाला जिसपर लाखों व्यूज आये। जिसके बाद वे यूट्यूब पर ह गयी। कक्षा 5 तक पढ़ी शशिकला कैमरे के सामने आने से झिझक रही थी। जिस कारण उन्होंने कैमरे में आने से मना किया था।
जिसके बाद से उन्हें लगातार लोगों का सपोर्ट मिल रहा हैं। अब वे महीने में लगभग 70000 रूपए यूट्यूब से कमेटी हैं। शशिकला चौरसिया की यह कहानी किसी परीकथा के सच होने जैसा है। शशिकला के लिए तो है खुद हमारे आपके लिए भी यह भरोसा करना मुश्किल है कि तकनीक की ताकत हमारी किस्मत की बंद तिजोरी का ताला इस तरह भी खोल सकती है।









