शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान हुए बाबा केदारनाथ, छः माह ओंकारेश्वर मंदिर में होगी पूजा-अर्चना

भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान हो गई है।

डेस्क: भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान हो गई है। विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में द्वितीय रात्रि प्रवास के बाद आज सुबह 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ने प्रस्थान किया और करीब बारह बजे डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंची। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर आगमन पर सैकड़ों भक्तों ने डोली का पुष्प-अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया। अब शीतकाल के अगले छः माह यहीं पर भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना की जाएगी।

भैयादूज के पर्व पर भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे और पंचमुखी उत्सव डोली यात्रा ने पहला रात्रि प्रवास रामपुर में किया था। इसके बाद द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए डोली गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर पहुंची। आज सुबह डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर ओंकारेश्वर मंदिर पहुंची। इस दौरान जगह-जगह डोली का भक्तों ने पुष्प अक्षत्रों से स्वागत किया।

डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंचने पर रॉवल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी टी. गंगाधर लिंग का 6 माह केदारनाथ में विधि-विधान से पूजा करने पर आशीर्वाद दिया। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ आगमन पर स्थानीय जनता ने केदार महोत्सव का आयोजन भी किया। केदारनाथ रॉवल भीमाशंकर लिंग ने बताया कि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल पहुंच गई है।

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