
ठंड के मौसम की शुरुआत होने से पहले बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाते है. ऐसे में इस बार बद्रीनाथ धाम के कपाट शनिवार को बंद किए जा रहे हैं. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है. वही मौसम भी करवट ले चुका है. लगातार बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी के कारण तापमान में भी गिरावट देखने को मिल रही है. बद्रीनाथ धाम में दर्शन का आज अंतिम दिन है ऐसे में कपाट बंद होने के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलेगी.
जैसे-जैसे कपाट बंद होने के दिन करीब आए हैं, वैसे-वैसे बदरीनाथ धाम में तापमान और कम हो गया है. एएनआई की श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से हुई बात के मुताबिक, “बदरीनाथ धाम के कपाट आज दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कल 20 नवंबर को देवडोलियां पांडुकेश्वर (जोशीमठ) के लिए रवाना होंगी”
कपाट बंद होने में कम ही समय बचा था, बावजूद इसके हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र और चार धामों में एक भगवान विष्णु के पावन धाम बदरीनाथ में कार्तिक माह में रौनक रही थी. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के धाम में पहुंचकर कार्तिक स्नान के अवसर पर आए थे. दरअसल बद्रीनाथ धाम में कार्तिक माह में स्नान ध्यान दीपदान और खिचड़ी का विशेष महत्व है.
ऐसा माना जाता है कि बद्रीनाथ धाम मोक्ष धाम है जहां के एक बार दर्शन मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है. देश के कोने-कोने से पहुंचने वाले श्रद्धालु तप्त कुंड में स्नान करते हैं. साथ ही साथ अलकनंदा के पावन जल से भी स्नान करते हैं.आपको बता दें कि कपाट बंद होने की प्रक्रिया 15 नवंबर से शुरु हो गई थी. समिति अध्यक्ष की माने तो इस बार धाम में रिकार्ड श्रद्धालुओं ने दर्शन किया है. उन्होंने अनुमान जताया कि कपाट बंद होने पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धांलु पहुंचेंगे.