
आज कल हर रोज नई नई बीमारियां सामने आ रही हैं। लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा हैं। ये बीमारियां कई बार इतनी घातक हो जाती हैं कि जान लेकर ही जाते हैं। ऐसे ही एक बीमारी हैं कालाजार जो बहुत ही खतरनाक रूप लेती जे रही हैं। इस बीमारी से लड़ने के बाद देवरिया जिला की पिंकी ने लोगों को इस बीमारी से बचने के उपाय औरर इससे सम्बंधित जानकारी लोगों तक पहुँचाने की मुहीम शुरू की हैं।
19 वर्षीय पिंकी ने एक “पिंकी की पाठशाला” नाम का कार्यक्रम तैयार किया हैं। जिसके तहत वे लोगों तक जा जा कर उन्हें जागरूक करने का प्रयास कर रही हैं। जागरूकता फैला रही पिंकी “साइकिल वाली दीदी” के नाम से जानी जाती हैं। कालाजार देश में एक बड़े वर्ग को अपनी चपेट में ले रही हैं। लेकिन इसे हारने वाली पिंकी ने इसके विरुद्ध अपनी मुहीम शुरू की हैं।
जानें क्या हैं पिंकी की पाठशाला
पिंकी को वर्ष 2015 में कालाजार हुआ था तब वह मात्र 12 वर्ष की थी। इस बीमारी के दर्द को बे भुला नहीं पायी और अब उन्होंने इसके खिलाफ मुहीम शुरू कर दी हैं। एक कलरफुल पिक्चर बुक को साथ लेकर वे गांव गांव जा रही हैं और लोगों को कालाजार के बारे में बता रही हैं। और उन्हें इस बीमारी से निपटने के लिए उपायों के बारे में भी बताती हैं।
पिंकी ने बताय कि उन्हें उन दिनों बहुत ही दर्द का सामना करना पड़ा था। काफी पैसे भी खर्च हुए थे। मेरे माता – पिता ने मेरा बहुत सहयोग दिया। उन्होंने बताय कि उनके माता-पिता जनार्दन चौहान और प्रभावती अभी भी उनकी इस कालाजार के खिलाफ मुहीम में पूरी तरह से सहयोग दे रहे हैं।
पिंकी उत्तर प्रदेश सरकार की सामुदायिक जागरूकता अभियान से भी जुडी हुयी हैं। 2021 से वे सरकार की इस मुहीम से जुडी हैं। जिससे उन्हें अपनी मुहीम को आगे बढ़ाने में भी सहयोग हो रहा हैं। पिंकी ने अप्रैल 2022 में अपने संस्थान बबन सिंह इंटरमीडिएट कॉलेज रतसरैया से अपनी अपने इस अभियान की शुरुआत की।
छोटे मच्छर से होती है बड़ी बीमारी
कालाजार रोग के बारे में बात करते हुए पिंकी कहती हैं कि मच्छरों के बारे में कौन नहीं जानता है? लेकिन, कालाजार का कारण सैंडफ्लाई, सामान्य मच्छरों से 50 से 60 गुना तक छोटी होती है। सामान्य आंखों से इसे देख पाना संभव नहीं होता है। यह छोटा मच्छर आदमी के स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है।









